भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने सोमवार(8 अप्रैल) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में पार्टी मुख्यालय में लोकसभा चुनाव के लिए अपना घोषणा-पत्र जारी किया। इस घोषणा पत्र में पार्टी ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 और 35-ए हटाने की बात कही है। बीजेपी की इस घोषणा के बाद एक सियासी तूफान उठ खड़ा हुआ है। इसी बीच, नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने बीजेपी के घोषणा पत्र पर तीखी प्रतिक्रिया दी है।
file Photo Credit: Nissar Ahmad/The Hinduफारूक अब्दुल्ला ने कहा, “वो क्या उसको मिटाना चाहते हैं। समझते हैं कि बाहर से लाएंगे यहां बसाएंगे और हमारा नंबर कर देंगे, हम क्या सोते रहेंगे? हम इसका मुकाबला करेंगे इंशाअल्लाह, हम इसके खिलाफ खड़े हो जाएं। 370 को कहते हो खत्म करो, अरे खत्म करोगे तो इलहाक (विलय) कहां रह जाएगा। अल्लाह की कसम कहता हूं अगर हम अल्लाह को यही मंजूर होगा तो हम इनसे आजाद हो जाएंगे।”
फारूक अब्दुल्ला ने आगे कहा, “ये धारा 370 को खत्म करें, हम भी देखते हैं, मैं भी देखता हूं कि कौन इनका झंडा खड़ा करने के लिए होगा यहां। वो चीजे मत करो जिससे कि तुम हमारे दिलों को तोड़ने की कोशिश कर रहे हो।” उनके इस बयान को वीडियो समाचार एजेंसी ने जारी किया है।
#WATCH F Abdullah: Bahar se laenge, basaenge,hum sote rahenge?Hum iska muqabala karenge,370 ko kaise khatam karoge?Allah ki kasam kehta hun,Allah ko yahi manzoor hoga,hum inse azad ho jayen.Karen hum bhi dekhte hain.Dekhta hun phir kon inka jhanda khada karne ke liye taiyar hoga. pic.twitter.com/hrxoh9ECOY
— ANI (@ANI) April 8, 2019
बता दें कि, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने लोकसभा चुनाव के लिए सोमवार को अपना संकल्प पत्र के नाम से अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की अध्यक्षता व बीजेपी संसदीय बोर्ड के सदस्यों की उपस्थिति में ‘संकल्प पत्र लोकसभा 2019’ का विमोचन किया गया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्त मंत्री अरुण जेटली, गृह मंत्री राजनाथ सिंह और सुषमा स्वराज सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे।
बीजेपी ने अपने चुनावी घोषणापत्र में जम्मू कश्मीर को लेकर अपने पुराने स्टैंड को दोहराया है। संकल्प पत्र जारी करते हुए बीजेपी ने कहा है कि वह जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाली धारा 370 और धारा 35ए को हटाने को लेकर प्रतिबद्ध है। इस घोषणापत्र में जम्मू-कश्मीर को विशेषाधिकार देने वाली इन दोनों धाराओं को राज्य के गैर स्थाई निवासियों और महिलाओं के लिए भेदभावपूर्ण बताया गया है।