हरिद्वार से दिल्ली के लिए निकली किसान क्रांति यात्रा को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सीमा पर रोके जाने के साथ किसानों ने यूपी गेट पर कब्जा कर लिया और ‘‘जय जवान जय किसान’’ के नारे के साथ साथ सरकार विरोधी नारे लगाते हुए अपने आक्रामक तेवर भी दिखाए। भारतीय किसान क्रांति यात्रा को राजधानी में प्रवेश करने से रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में घुसने की कोशिश कर रहे भारतीय किसान यूनियन के प्रदर्शनकारियों पर मंगलवार को दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा के निकट गाजीपुर में पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। यूनियन के नेता राकेश टिकैत के नेतृत्व में किसान कर्ज माफी तथा अन्य मांगों को लेकर राजधानी में प्रदर्शन के लिए आना चाहते हैं।
पुलिस पर लगाया लाठीचार्ज और गोलीबारी का आरोप
इसबीच, किसानों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उन पर लाठी चार्ज किया और गोलीबारी भी की। वहीं, एडीजी (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने इस आरोप को खारिज कर दिया और कहा कि किसानों पर कोई फायरिंग नहीं की गई। गौरतलब है कि बड़ी तादाद में ये किसान अपनी कई मांगों को लेकर दिल्ली कूच कर रहे हैं।
किसानों ने जब गाजीपुर में पुलिस घेराबंदी तोड़कर आगे बढ़ने का प्रयास किया तो पुलिस ने पहले उन पर पानी की बौछार की और इसके बाद भी जब वे नहीं माने तो आंसू गैस के गोले भी दागे। इस दौरान कुछ प्रदर्शकारियों को चोटें भी आई। बाद में पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने किसान नेताओं से बातचीत शुरु की। बड़ी संख्या में किसान वहां अपने वाहनों के साथ उपस्थित हैं। दिल्ली की सीमा के आसपास बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।
किसानों ने सरकार पर लगाए धोखा देने का आरोप
किसानों ने आरोप लगाया कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और उत्तर प्रदेश की आदित्यानाथ योगी सरकार अपने वायदों पर खरी नहीं उतरी जिसकी वजह से देश भर के किसानों को सड़क पर उतरना पडा है। कड़ी सुरक्षा के चलते यूपी गेट और आस-पास के इलाके पुलिस छावनी में तब्दील हो गए हैं। खुद एडीजी कानून व्यवस्था, मेरठ मंडलायुक्त तथा पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी दिल्ली पुलिस के आला अधिकारियों के साथ यूपी गेट पर डेरा डाले हुए हैं।
यूपी गेट पर दो बार टकराव के हालात हुए जब किसान ट्रैक्टर ट्राली लेकर दिल्ली की सीमा पर पर पहुंच गए और आगे जाने का प्रयास किया। लेकिन वहां अर्द्ध सैनिक बलों की तैनाती और अवरोध के चलते किसान आगे नहीं बढ़ पाए। वहीं दूसरी ओर पुलिस ने दमकल वाहन को सीमा पर सड़क के बीचोंबीच लगाने का प्रयास किया तो किसानों ने उसे पीछे करने के लिए विवश कर दिया। सुबह से ही पुलिस कप्तान वैभव कृष्ण यूपी गेट पर भारी पुलिस बल के साथ जमे हुए थे और किसानों की भीड़ यूपी गेट की तरफ बढ़ रही थी।
किसानों की संख्या बढ़ने के साथ ही आरपीएफ और दूसरे सैन्य बलों को बुला लिया गया। इस बीच, समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक किसान नेताओं ने कहा कि आंदोलन में शामिल किसान आतंकवादी नहीं हैं जो उन्हें अपने ही देश की राजधानी दिल्ली में जाने से रोका जा रहा है। उनका आंदोलन हिंसक भी नहीं है। किसानों के बडी संख्या में डाबर पर पहुंचने के साथ महाराजपुर एवं यूपी गेट तथा आसपास के तमाम रास्ते बंद कर दिए गए।