मशूहर नारीवादी लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता कमला भसीन का 75 साल की उम्र में निधन, शबाना आजमी समेत कई लोगों ने जताया दुख

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प्रख्यात महिला अधिकार कार्यकर्ता, कवयित्री और लेखिका कमला भसीन का शनिवार को निधन हो गया। वह 75 वर्ष की थीं। सामजिक कार्यकर्ता कविता श्रीवास्तव ने ट्विटर पर बताया कि भसीन ने तड़के करीब तीन बजे अंतिम सांस ली। कमला भसीन के निधन से सामाजिक कार्यकर्ताओं में शोक की लहर दौड़ गई।

कमला भसीन

कविता श्रीवास्तव ने ट्वीट किया, ‘‘हमारी प्रिय मित्र कमला भसीन का 25 सितंबर को तड़के लगभग तीन बजे निधन हो गया। यह भारत और दक्षिण एशियाई क्षेत्र में महिला आंदोलन के लिए एक बड़ा झटका है। विपरीत परिस्थितियों में भी उन्होंने जिंदादिली से जीवन का लुत्फ उठाया। कमला आप हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेंगी। एक बहन जो गहरे दुख में है।’’

अभिनेत्री और सामाजिक कार्यकर्ता शबाना आजमी ने भी कमला भसीन के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट किया, ”तेजतर्रार कमला भसीन ने अपनी आखिरी लड़ाई, गायन और जीवन को अच्छी तरह से जीने का जश्न मनाया है। उनकी कमी हमेशा खलेगी। उनकी साहसी मौजूदगी हंसी और गीत, उनकी अद्भुत ताकत उनकी विरासत है। हम सब इसे संजो कर रखेंगे जैसा हमने पहले अरुणा रॉय के लिए किया।”

इतिहासकार इरफान हबीब ने कमला भसीन को याद करते हुए लिखा, ”प्रिय मित्र और असाधारण इंसान कमला भसीन के दुखद निधन के बारे में सुनकर बहुत दुख हुआ। हम कल ही उनके स्वास्थ्य के बारे में चर्चा कर रहे थे लेकिन यह कभी नहीं सोचा था कि वह अगले दिन हमें छोड़ देंगी। आप बहुत याद आएंगी।”

बता दें कि, भसीन भारत और अन्य दक्षिण एशियाई देशों में महिला आंदोलन की एक प्रमुख आवाज रही हैं। 2002 में, उन्होंने नारीवादी नेटवर्क ‘संगत’ की स्थापना की, जो ग्रामीण और आदिवासी समुदायों की वंचित महिलाओं के साथ काम करती है। सामाजिक सगंठनों ने कहा है कि कमला भसीन के निधन से महिलावादी आंदोलन समेत सभी जन आंदोलनों की अपूरणीय क्षति हुई है।

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