प्रख्यात महिला अधिकार कार्यकर्ता, कवयित्री और लेखिका कमला भसीन का शनिवार को निधन हो गया। वह 75 वर्ष की थीं। सामजिक कार्यकर्ता कविता श्रीवास्तव ने ट्विटर पर बताया कि भसीन ने तड़के करीब तीन बजे अंतिम सांस ली। कमला भसीन के निधन से सामाजिक कार्यकर्ताओं में शोक की लहर दौड़ गई।
कविता श्रीवास्तव ने ट्वीट किया, ‘‘हमारी प्रिय मित्र कमला भसीन का 25 सितंबर को तड़के लगभग तीन बजे निधन हो गया। यह भारत और दक्षिण एशियाई क्षेत्र में महिला आंदोलन के लिए एक बड़ा झटका है। विपरीत परिस्थितियों में भी उन्होंने जिंदादिली से जीवन का लुत्फ उठाया। कमला आप हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेंगी। एक बहन जो गहरे दुख में है।’’
सुबह सुबह यह दुखद खबर। कमला और मेरी बड़ी बहन दूर्वा महारानी कॉलेज में साथ पढ़ते थे। शायद 1962 या 63 में। कमला की जिंदादिली और खुश मिजाजी के साथ उसकी असरदार बुलंद आवाज़ इस वक्त कानों में गूंज रही है। कमला सस्नेह बिदा….पूर्वा खुशवाहा
— Kavita Srivastava (@kavisriv) September 25, 2021
अभिनेत्री और सामाजिक कार्यकर्ता शबाना आजमी ने भी कमला भसीन के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट किया, ”तेजतर्रार कमला भसीन ने अपनी आखिरी लड़ाई, गायन और जीवन को अच्छी तरह से जीने का जश्न मनाया है। उनकी कमी हमेशा खलेगी। उनकी साहसी मौजूदगी हंसी और गीत, उनकी अद्भुत ताकत उनकी विरासत है। हम सब इसे संजो कर रखेंगे जैसा हमने पहले अरुणा रॉय के लिए किया।”
Fiesty #Kamla Bhasin has fought her last battle, singing and celebrating a life well lived.Her absence will be felt acutely, her gutsy presence,laughter and song,her wonderful strength are her legacy
We treasure her now as we did before .Aruna Roy— Azmi Shabana (@AzmiShabana) September 25, 2021
इतिहासकार इरफान हबीब ने कमला भसीन को याद करते हुए लिखा, ”प्रिय मित्र और असाधारण इंसान कमला भसीन के दुखद निधन के बारे में सुनकर बहुत दुख हुआ। हम कल ही उनके स्वास्थ्य के बारे में चर्चा कर रहे थे लेकिन यह कभी नहीं सोचा था कि वह अगले दिन हमें छोड़ देंगी। आप बहुत याद आएंगी।”
Very sad to hear about the tragic demise of dear friend and an exceptional human being Kamla Bhasin. We were just discussing about her health yesterday but never realised that she will leave us next day. U will be terribly missed.???????? https://t.co/sxlvzMakSY
— S lrfan Habib (@irfhabib) September 25, 2021
बता दें कि, भसीन भारत और अन्य दक्षिण एशियाई देशों में महिला आंदोलन की एक प्रमुख आवाज रही हैं। 2002 में, उन्होंने नारीवादी नेटवर्क ‘संगत’ की स्थापना की, जो ग्रामीण और आदिवासी समुदायों की वंचित महिलाओं के साथ काम करती है। सामाजिक सगंठनों ने कहा है कि कमला भसीन के निधन से महिलावादी आंदोलन समेत सभी जन आंदोलनों की अपूरणीय क्षति हुई है।