एक तरफ जहां पिछले 10 महीनों में 660 किसानों की महाराष्ट्र में भूख से मौत हो गई है और दूसरी तरफ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक प्रतियोगिता में भाग ले रहे सरकारी कर्मचारियों की नृत्य मंडली के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से 8 लाख रुपये की मंजूरी दी है।
कार्यकर्ता अनिल गलगली द्वारा दायर की गई एक आरटीआई से मुख्यमंत्री का यह सच सामने आया है। इस आरटीआई में यह खुलासा हुआ है कि फडणवीस द्वारा एक नृत्य प्रतियोगिता के लिए सचिवालय जिमखाना में 8 लाख रुपये की राशि की मंजूर दी गई है।
असल में मुख्यमंत्री राहत कोष केवल प्राकृतिक आपदाओं या आपदाओं से प्रभावित लोगों के इस्तेमाल करने के लिए ही है। लेकिन इस उद्देश्य से परे इस धन राशि का इस्तेमाल एक नृत्य मंडली के लिए किया गया है।
अपने आरटीआई में गलगली ने सचिवालय जिमखाना के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष द्वारा प्रदान की गई सहायता के बारे में डेस्क से जानकारी मांगी है। डेस्क ने जवाब में बताया कि मुख्यमंत्री राहत कोष में से 8 लाख रुपये किसी विशेष कोष को दिए गए हैं।
जिमखाना ने 26-30 दिसम्बर से बैंकॉक में एक नृत्य प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए सरकार के कर्मचारियों से अपनी 15 सदस्यीय मजबूत टीम भेजने की सहायता मांगी थी।
गलगली ने कहा, “मुख्यमंत्री द्वारा एक निर्देश भेजा गया था कि मुख्यमंत्री राहत कोष से यह पैसा एक विशेष मामले के रूप में प्रस्तुत किया जाए। 27 अगस्त को, आवेदन एक विशेष मामले के रूप में मुख्यमंत्री के समक्ष रखा गया था और तुरंत मुख्यमंत्री ने 8 लाख रुपये की मंजूरी दे दी थी।”
पैसे कथित तौर पर 11 सितंबर को सचिवालय जिमखाना के खाते में स्थानांतरित कर दिया गया था। संयोग से उसी सप्ताह मर्थ्वाड़ा में 32 किसानों ने अपना जीवन समाप्त कर दिया था।
निर्धारित किया गया है कि प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए नृत्य मंडली अक्षरा थिएटर में आयोजित किया जा रहा है। यह प्रतियोगिता अखिल भारतीय सांस्कृतिक संघ, कला और संस्कृति की ग्लोबल काउंसिल की निजी संस्थाओं द्वारा आयोजित की जा रही है। नृत्य कलाकार मेें प्रत्येक को 50,000 रुपये की मंजूरी प्राप्त हुई है और 50,000 रुपये की अतिरिक्त राशि यात्रा के दौरान अन्य विविध खर्चों को कवर करने के लिए प्रदान की गई है, कुल 8 रुपये लाख रूपये तक का खर्च इस प्रतियोगिता में किया जाएगा।