हिंसक हमलों से डरे यूपी, बिहार और मध्य प्रदेश के मजदूर छोड़ रहे गुजरात, स्थिति दयनीय

0

गुजरात के कई हिस्सों में गैर गुजरातियों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं देखने को मिल रही हैं। पुलिस के मुताबिक हिंसा के शिकार लोगों में खास तौर पर उत्तर प्रदेश, बिहार एवं मध्य प्रदेश के रहने वाले शामिल हैं। गुजरात में बीते एक सप्ताह से स्थानीय लोग गैर गुजराती मजदूरों को अपना निशाना बना रहे हैं।

Photo: Indian Express

लोगों के आक्रोश को देखते हुए इन राज्यों के हजारों मजदूर वहां से यूपी, बिहार और मध्य प्रदेश लौटने लगे हैं। उल्लेखनीय है कि गुजरात के साबरकांठा जिले के हिम्मतनगर गाभांई में 14 महीने की मासूम के साथ घिनौनी वारदात के सामने आने के बाद गैर गुजरातियों पर लगातार हमले हो रहे हैं।

दरअसल, 28 सितंबर को साबरकांठा जिले में 14 माह की एक बच्ची से बलात्कार की घटना सामने आई थी। इस मामले में बिहार के रहने वाले रविंद्र साहू नाम के एक मजदूर को घटना वाले दिन ही गिरफ्तार कर लिया गया था। इस गिरफ्तारी के बाद सोशल मीडिया पर गैर गुजरातियों- खासकर बिहार, मध्य प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश के मजदूरों के खिलाफ कई तरह के संदेश प्रकाशित और प्रसारित हुए जिसके बाद राज्य में गैर गुजरातियों पर हमले होने शुरू हो गए।

यह पता लगने पर कि बलात्कार का आरोपी बिहार का रहने वाला है, के बाद क्षत्रिय ठाकोर सेना ने कहा कि अन्य राज्यों के प्रवासी कामगारों को गुजरात में नौकरी नहीं दी जानी चाहिए। पुलिस ने बताया कि सोशल मीडिया पर किसी व्यक्ति ने यह संदेश फैला दिया कि एक फैक्ट्री में बड़ी संख्या में गैर गुजराती लोगों को नौकरी दी गई है।

इसके बाद शुक्रवार की सुबह अरवल्ली जिले के काबोला गांव में एक फैक्ट्री के बाहर 200 लोगों की भीड़ इकट्टी हो गई। हालांकि, अरवल्ली जिले के पुलिस अधीक्षक मयूर पाटिल ने कहा कि पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर कर दिया और इनमें से 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया और उन पर दंगा भड़काने और दो समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने के आरोप लगाए गए।

170 लोग गिरफ्तार

समाचार एजेंसी  पीटीआई के मुताबिक, पुलिस महानिदेशक शिवानंद झा ने शुक्रवार को बताया कि इस तरह के हमले पिछले एक हफ्ते में गांधीनगर, मेहसाना, साबरकांठा, पाटन और अहमदाबाद जिलों में हुए हैं। इन घटनाओं के संबंध में 170 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया पर गैर गुजरातियों, खासकर बिहार एवं उत्तर प्रदेश के लोगों के खिलाफ नफरत भरे संदेश फैलाए जाने के बाद ये हमले हुए।

पुलिस ने बताया कि 28 सितंबर को साबरकांठा जिले के हिम्मतनगर कस्बे के पास एक गांव में 14 माह की बच्ची से कथित तौर पर बलात्कार हुआ था, जिसका आरोप बिहार के रहने वाले रविंद्र साहू नाम के मजदूर पर था, जिसे घटना वाले दिन ही गिरफ्तार कर लिया गया था। झा ने बताया कि गैर गुजरातियों पर हमले के बाद से राज्य के विभिन्न जिलों में अब तक 18 प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं।

उन्होंने कहा, ‘हमने 170 लोगों को गिरफ्तार किया है। हम इस तरह की गतिविधियों की किसी भी कीमत में अनुमति नहीं देंगे। हमने कारखानों और (हाउसिंग) सोसाइटियों में निगरानी बढ़ा दी है. हम सोशल मीडिया संदेशों पर भी सख्त नजर रख रहे हैं। अहमदाबाद में बलात्कार की इस घटना के खिलाफ लोगों ने कैंडल लाइट मार्च निकाला था। उनका कहना था कि इस मामले में जल्द से जल्द न्याय होना चाहिए।

अल्पेश ठाकोर पर हमले करवाने का आरोप

कांग्रेस विधायक अल्पेश ठाकोर पर इन हमलों को करवाने का आरोप लगाया जा रहा है। इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, इन हमलों और हिंसा का आरोप क्षत्रिय ठाकोर सेना पर है। इसके अध्यक्ष और कांग्रेस विधायक अल्पेश ठाकोर ने दावा किया कि उन्होंने कभी भी क्षत्रिय ठाकोर सेना को गैर गुजरातियों पर हमले या हिंसा में शामिल होने के लिए नहीं कहा। उन्होंने यह भी मांग रखी कि 72 घंटों के अंदर उनके समाज के ‘निर्दोष’ लोगों के खिलाफ दर्ज मामले रद्द किए जाने चाहिए।

अखबार से बात करते हुए ठाकोर ने कहा कि जो भी लोग इस हिंसा के पीछे हैं, मैं उनसे शांति की अपील करता हूं। उसमें हमारे समाज और सेना के लोग भी हो सकते हैं, लेकिन हमारी ओर से (हमला करने) का कोई आदेश नहीं दिया गया है। यह सिर्फ हमें और सेना को बदनाम करने के लिए है। हम केवल राज्य में शांति और रोजगार देने की बात को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी शिकायत राज्य सरकार और कंपनियों से है, न कि किसी जाति या समुदाय से।

Previous articleपूर्व सपा प्रवक्ता पंखुड़ी पाठक ने बजरंग दल पर लगाया पथराव और हमले का आरोप, बोलीं- 'आज हिंदुत्व को करीब से देखा'
Next articleSix arrested for running fake job racket in Noida