ऑनलाइन लेन-देन का जिस तरीके से क्रेज बढ़ रहा है, वहीं अपराधी भी ऑनलाइन ठगी करने से बाज नहीं आ रहे हैं। दिनों दिन ऐसे मामले बढ़ते जा रहे हैं। ठग भोले भाले लोगों को निशाना बनाते हैं वही ठगे जाने के बावजूद लोगों को न्याय नहीं मिल पाता। आजकल पूरे देश में रोजाना ऑनलाइन ठगी के मामले सुर्खियों में रहते हैं। अब हालात ये हो गए हैं कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश भी ऑनलाइन ठगी का शिकार होने से नहीं बच सके हैं।
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस आरएम लोढ़ा से ऑनलाइन एक लाख रुपए ठग लिए गए। उनके एक दोस्त रिटायर जज के ईमेल अकाउंट को हैक करके इस घटना को अंजाम दिया गया। मामले का खुलासा तब हुआ, जब दिल्ली के पंचशील पार्क में रहने वाले जस्टिस लोढ़ा असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस और मालवीय नगर पुलिस स्टेशन की साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराने पहुंचे।
लोढ़ा ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि वह अपने दोस्त जस्टिस (रिटायर) बीपी सिंह से नियमित तौर पर इस ईमेल के जरिए उनसे बात करते थे। उन्होंने कहा, ‘मुझे 9 अप्रैल को, बीपी सिंह की ईमेल आईडी से एक मेल मिला, उसमें कहा गया था उन्हें अपने चचेरे भाई के इलाज के लिए तत्काल एक लाख रुपए की जरूरत है और बीपी सिंह से फोन पर संपर्क नहीं हो पाया था। मैंने मेल में दिए गए अकाउंट नंबर पर दो बार में एक लाख रुपए ट्रांसफर करवा दिए।
एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस को बताया कि ‘जब जस्टिस सिंह ने 30 मई को अपना ईमेल अकाउंट दोबारा खोला तो उन्होंने अपने कॉन्टेक्स लिस्ट वालों को उनका अकाउंट हैक होने की जानकारी दी।’ साथ ही अधिकारी ने कहा कि जब आरएम लोढ़ा ने बीपी सिंह की ओर से ईमेल हैक के बारे में भेजा गया मेल पढ़ा तो उन्होंने बताया कि उनके साथ ठगी हो गई है और हैकर ने एक लाख रुपए ठग लिए हैं।
अधिकारी के मुताबिक, जस्टिस बीपी सिंह के सुझाव पर आरएम लोढ़ा ने दिल्ली पुलिस से संपर्क किया और शिकायत दर्ज करवाई। हमने आईपीसी की कई धाराओं के साथ केस दर्ज किया है इसमें आईटी एक्ट भी शामिल है। हैकर की पहचान के लिए जांच जारी हैं। बता दें कि जस्टिस लोढ़ा भारत के 41वें चीफ जस्टिस रहे हैं। वह सितंबर 2014 में रिटायर हो चुके हैं। बीसीसीआई के रिफॉर्मेशन में भी इनका योगदान रहा है। इनका पूरा नाम राजेंद्र मल लोढ़ा है।