चार वर्षों तक राजनीतिक अज्ञातवास झेल रहे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे ने पार्टी छोड़ दी। उन्होंने कहा कि वह पार्टी केवल देवेंद्र फडणवीस की वजह से छोड़ रहे हैं। खडसे शुक्रवार को राज्य की महा विकास अघाड़ी सरकार में सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि उन पर तत्कालीन मुख्यमंत्री और मौजूदा विपक्षी नेता फडणवीस ने वह आरोप लगाए, जो अभी तक साबित नहीं हुए हैं।

खडसे ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद कहा, “मुझे और मेरे परिवार को चार वर्षों तक नीचा दिखाया गया। मैंने राज्य में पार्टी बनाने के लिए 40 वर्षों तक काफी मेहनत की और इसका सिला मुझे इस रूप में मिला।” खडसे को जून 2016 में भ्रष्टाचार के आरोपों की वजह से फडणवीस की अगुवाई वाली कैबिनेट को छोड़ना पड़ा था। उसके बाद 2019 विधानसभा चुनाव में उन्हें टिकट नहीं दिया गया।
खडसे ने कहा कि पद छोड़ने के बाद शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी या कांग्रेस किसी ने भी मेरे खिलाफ जांच की मांग नहीं की। इसके बावजूद भाजपा ने उन्हें नीचा दिखाया। खडसे ने कहा, “कई एजेंसियों ने मेरे खिलाफ जांच की, लेकिन कुछ भी बाहर नहीं आया। फिर एक महिला ने मुझ पर छेड़छाड़ का आरोप लगा दिया, जिस पर फडणवीस का कहना था कि मेरे खिलाफ एफआईआर होनी चाहिए.. यह मेरे खिलाफ की गई निचले स्तर की राजनीति थी।”
खडसे (68) राज्य में भाजपा के उन कद्दावर नेताओं में से एक थे, जिनके पास जमीनी स्तर पर व्यापक समर्थन हासिल था। उनकी बहू रक्षा निखिल खडसे ने रावेर संसदीय सीट से भाजपा के सांसद के रूप में दो बार(2014-2019) चुनाव जीता। खडसे के इस कदम का स्वागत करते हुए शिवसेना के नेता किशोर तिवारी ने कहा, “खडसे काफी लोकप्रिय ओबीसी नेता हैं। उनका पार्टी छोड़ना भाजपा और फडणवीस को काफी भारी पड़ेगा।”
महाराष्ट्र के मंत्री और एनसीपी नेता जयंत पाटिल ने कहा कि हमने फैसला किया कि एकनाथ खडसे को एनसीपी से जोड़ने का एक मौका देना चाहिए। शुक्रवार को दोपहर दो बजे एकनाथ खडसे आधिकारिक तौर पर पार्टी में शामिल हो जाएंगे। पिछले कई दिनों से इस बात का कयास लगाया जा रहा था कि एकनाथ खडसे भाजपा छोड़ सकते हैं क्योंकि पार्टी में उन्हें साइडलाइन किया जा रहा था। (इंपुट: आईएएनएस के साथ)