एडिटर्स गिल्ड ने सिंघू बॉर्डर से गिरफ्तार पत्रकार मनदीप पूनिया को रिहा करने की मांग की

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एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने सिंघू बॉर्डर पर किसान आंदोलन की रिपोर्टिंग कर रहे फ्रीलांस पत्रकार मनदीप पूनिया की गिरफ्तारी की सोमवार को आलोचना करते हुए कहा कि उनकी गिरफ्तारी स्वतंत्र पत्रकारों के साहसिक आवाज को दबाने की कोशिश है।

मनदीप पूनिया

एडिटर्स गिल्ड ने पुनिया को तुरंत रिहा करने और ‘‘दिल्ली पुलिस द्वारा फिर से ऐसा वातावरण तैयार करने की मांग की जहां पत्रकार बिना डरे या पक्षपात के अपना काम कर सकें।’’ बता दें कि, फ्रीलांस पत्रकार मनदीप पूनिया को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

केन्द्र के तीन कृषि कानूनों के विरोध में सिंघू बॉर्डर पर डेरा डाले हुए किसानों के प्रदर्शनस्थल पर तैनात पुलिसकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार के आरोप में दिल्ली पुलिस ने शनिवार को पुनिया और धर्मेन्द्र सिंह (ऑनलाइन न्यूज इंडिया) को हिरासत में लिया। पुलिस ने रविवार को पुनिया को गिरफ्तार किया और सिंह को रिहा कर दिया।

गिल्ड की अध्यक्ष सीमा मुस्तफा ने कहा, ‘‘गिल्ड सिंघू बॉर्डर पर किसान आंदोलन की रिपोर्टिंग कर रहे फ्रीलांस पत्रकार मंदीप पुनिया की गिरफ्तारी से चिंतित है। पुलिस द्वारा गिरफ्तारी स्वतंत्र पत्रकारों के युवा और साहसी आवाज को दबाने का प्रयास है जो अपनी रिपोर्टिंग से फर्जी खबरों का पर्दाफाश करते हैं और सच बोलते हैं।’’

द इंडियन वीमेन प्रेस कोर, प्रेस क्लब ऑफ इंडिया और प्रेस एसोसिएशन ने भी रविवार को बयान जारी कर पुनिया को रिहा करने की मांग की थी।

बता दें कि, मनदीप पूनिया स्वतंत्र पत्रकार हैं और वे ‘द कारवां’ के लिए फ्रीलांसिंग पत्रकारिता करते हैं। उन्हें दिल्ली पुलिस ने सिंघु बॉर्डर से 30 जनवरी को गिरफ्तार किया, उनके खिलाफ पुलिस ने चार धाराओं में केस दर्ज किया है। मनदीप पुनिया ने अपनी गिरफ्तारी से पहले सिंघु बॉर्डर पर शुक्रवार की हुई हिंसा में दिल्ली पुलिस और भाजपा सदस्यों के बीच सांठगांठ का खुलासा किया था। (इंपुट: भाषा के साथ)

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