भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अध्यक्ष अमित शाह के उस दावे को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने कहा था कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के ग्रोथ में तकनीकी कारणों से गिरावट आई है। न्यूज एजेंसी भाषा के मुताबिक, एसबीआई रिसर्च ने कहा है कि सितंबर 2016 से अर्थव्यवस्था में सुस्ती है और यह तकनीकी नहीं बल्कि वास्तविक है।
साथ ही इस रिसर्च में यह भी कहा गया है कि अर्थव्यवस्था की सुस्ती को दूर करने के लिए सार्वजनिक खर्च बढ़ाने की जरूरत है। एसबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, हमारा मानना है कि अर्थव्यवस्था सितंबर, 2016 से सुस्ती में है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सुस्ती की वजह तकनीकी रूप से लघु अवधि या क्षणिक भर नहीं है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस सुस्ती से यह सवाल उठ रहा है कि क्या यह अस्थायी है या नहीं।’ हालांकि, रिपोर्ट में इस सवाल का जवाब नहीं दिया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सुस्ती के इस रुख का हल सरकार द्वारा सार्वजनिक खर्च बढ़ाना है। समय की जरुरत यह है कि खर्च बढ़ाया जाए।
बता दें कि पिछले दिनों अमित शाह ने जीडीपी की वृद्धि दर में गिरावट को तकनीकी बताया था। दरअसल, जून तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर घटकर 5.7 प्रतिशत के तीन साल के निचले स्तर पर आ गई थी। इस मामले में मोदी सरकार की आलोचना होने के बाद अमित शाह ने एक संबोधन में कहा था कि ऐसा कुछ तकनीकी कारणों से हुआ था।
अपने तर्क पर जोर देते हुए बीजेपी अध्यक्ष ने कहा था कि यूपीए सरकार के समय 2013-14 में जीडीपी की वृद्धि दर 4.7 प्रतिशत थी जो मोदी सरकार में बढ़कर 7.1 प्रतिशत पर पहुंच गई। शाह ने यह बयान शीर्ष उद्योग संगठन फिक्की के एक कार्यक्रम में दिया था।