अगले साल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव से केंद्र में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में सभी पदों पर वामपंथी छात्र संगठनों का गठबंधन ‘यूनाइटेड लेफ्ट’ ने कब्जा कर लिया है। इस लेफ्ट गठबंधन की यह जीत बीजेपी के लिए किसी झटके से कम नहीं है, क्योंकि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से एक भी सीट जीतने में कामयाब नहीं हो पाई है।
इस करारी के हार के बाद एबीवीपी के नेता और सदस्य काफी परेशान हैं। इतना ही नहीं एबीवीपी से संबंधित कुछ नेताओं द्वारा कथित तौर पर पत्रकारों को धमकी दिए जाने का मामला सामने आया है। चुनाव के बाद जेएनयू में उपजे तनाव को लेकर अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया द्वारा पूछे गए एक सवाल पर एबीवीपी के एक नेता ने पत्रकारिता करने की सीख देते हुए अखबार के एक मुस्लिम रिपोर्टर को धमकी तक दे दी है।
दरअसल, सोमवार को जेएनयू छात्रसंघ (JNUSU) चुनाव के नतीजे घोषित होने के कुछ समय बाद ही आरएसएस से संबद्ध एबीवीपी और लेफ्ट समर्थित आइसा के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। इस विवाद को लेकर TOI के रिपोर्टर इबरार ने एबीवीपी के नेता से सवाल पूछा था। मगर इबरार के बेहद जायज सवाल के जवाब में एबीवीपी के पूर्व जॉइंट सेक्रेटरी सौरभ शर्मा भड़क गए और उनको ‘लेफ्टगीरी’ और ‘अफज़लगीरी’ से दूर रहने की नसीहत दे डाला।
व्हाट्सएप्प पर हो रहा था सवाल-जवाब
दरअसल, रिपोर्टर और एबीवीपी नेता के बीच यह सवाल-जवाब व्हाट्सएप्प पर हो रहा था। सोमवार दोपहर को रिपोर्टर माही-मांडवी हॉस्टल के बाहर खड़े थे, जहां जेएनयू के नवनिर्वाचित अध्यक्ष एन साई बालाजी छात्रों को संबोधित कर रहे थे। उसी वक्त उन्हें शर्मा की ओर से एक मेसेज मिला, ‘लेफ्ट के 200 गुंडे हॉस्टल के बाहर इकट्ठा हो गए हैं और एबीवीपी के सदस्यों को धमकियां दे रहे हैं, हॉस्टल के गेट को तोड़ रहे हैं।’
रिपोर्टर हॉस्टल के बाहर ही खड़े थे, इसलिए वह देख सकते थे कि वहां ऐसा कुछ नहीं हो रहा था। इसके बाद शर्मा ने रिपोर्टर को कुछ तस्वीरें भेजीं, जो घायल छात्रों की थीं। रिपोर्टर ने घायलों के फोन नंबर मांगे ताकि उनसे बातचीत की जा सके लेकिन नंबर देने की बजाय शर्मा ने तुरंत लिखा, ‘क्यों इतना लेफ्टगीरी करते हैं इबरार भाई?’ हैरान होते हुए रिपोर्टर ने पूछा इसका मतलब क्या है तो शर्मा ने कहा, ‘जर्नलिज़म पर ध्यान दीजिए… लेफ्ट ऐक्टिविज़म या अफज़लगीरी पर नहीं…, मतलब साफ है जो लिखा हुआ।’
TOI TOI‘आपके सवाल का जवाब दे दिया… उसको आप कोट कर सकते हैं…’
हालांकि शर्मा ने स्पष्ट नहीं किया कि वह लेफ्ट ऐक्टिविज़म या अफज़ल गुरु का जिक्र क्यों कर रहे थे। इसके बाद रिपोर्टर ने शर्मा से कहा कि वह अपनी सलाह और राजनीति अपने पास रखें और उनके सवालों का जवाब दें और ऐसा कह उन्होंने फिर घायलों के नंबर मांगे। इसके बाद शर्मा ने बातचीत को यह कहते हुए खत्म कर दिया, ‘आपके सवाल का जवाब दे दिया… उसको आप कोट कर सकते हैं… बाय।’ रिपोर्टर ने बार-बार कोशिश की कर वहां से कोई जवाब नहीं मिला।
सौरभ शर्मा के इन विवादित शब्दों को लेकर अखबार के रिपोर्टर ने एबीवीपी के सीनियर नेताओं से शिकायत की, जिन्होंने शर्मा द्वारा इस्तेमाल किए गए शब्दों की निंदा की। कहा गया कि शर्मा से इस बारे में बात की जाएगी। बाद में एबीवीपी की राष्ट्रीय मीडिया संयोजक मोनिका चौधरी ने टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा कि वह शर्मा के शब्दों की निंदा करती हैं और उसके लिए माफी मांगती हैं।
आपको बता दें कि लेफ्ट छात्र समूहों के संयुक्त मोर्चे ने रविवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के उम्मीदवारों को बड़े अंतर से हराकर छात्रसंघ के सभी चार प्रमुख पदों पर जीत हासिल की थी। वाम समर्थित ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा), स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई), डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन (डीएसएफ) और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (एआईएसएफ) इस बार ‘यूनाइटेड लेफ्ट’ गठबंधन के तहत एकसाथ चुनाव लड़े थे। वहीं, वामपंथी छात्र संगठनों के अलावा एबीवीपी, एनएसयूआई और बापसा के उम्मीदवार भी मैदान में थे।