दफ्तर नहीं खाली करने पर केजरीवाल सरकार ने AAP को भेजा 27 लाख का नोटिस

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दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग (PWD) विभाग ने आम आदमी पार्टी (आप) को 27 लाख रुपये जुर्माने के तौर पर अदा करने का नोटिस भेजा है।

PWD के मुताबिक़- आम आदमी पार्टी का जो मौजूदा दफ़्तर है, वह उसे आवंटित हो ही नहीं सकता। एलजी ने भी इस आवंटन को रद्द कर दिया है। ऐसे में आम आदमी पार्टी इस जगह को दफ़्तर के रूप में इस्तेमाल करने का किराया देना होगा, ख़बरों के अनुसार साथ ही PWD विभाग ने आम आदमी पार्टी से इस जगह को खाली करने को कहा है। अमर उजाला की ख़बर के मुताबिक, आम आदमी पार्टी को यह नोटिस मंगलवार को भेजा गया था। यह नोटिस (आप) पार्टी के राष्ट्रीय सचिव पंकज कुमार गुप्ता के नाम से गया था।

पीडब्ल्यूडी के डिप्टी सेक्रेटरी देबाशीष बिस्वाल द्वारा लिखे गए नोटिस में लिखा है कि कानून के अंतर्गत ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जिसमें अवैध कब्जे को और बढ़ाया जा सके। इसलिए पार्टी को जुर्माने के तौर पर अवैध कब्जे का किराया चुकाना होगा जो 27 लाख रुपए है।

गौरतलब है कि, इसी साल अप्रैल के महिने में शुंगलू कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया था कि, केजरीवाल सरकार द्वारा प्रशासनिक फैसलों में संविधान और प्रक्रिया संबंधी नियमों का उल्लंघन किया गया है। पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक वीके शुंगलू की अध्यक्षता वाली समिति ने केजरीवाल सरकार के फैसलों से जुड़ी 404 फाइलों की जांच कर इनमें संवैधानिक प्रावधानों के अलावा प्रशासनिक प्रक्रिया संबंधी नियमों की अनदेखी किये जाने का खुलासा किया था।

रिपोर्ट में कहा गया था कि अधिकारियों ने समिति को बताया कि उन्होंने इस बाबत सरकार को अधिकार क्षेत्र के अतिक्रमण के बारे में समय समय पर आगाह किया था। इसके लिए कानून के हवाले से दिल्ली में उपराज्यपाल के सक्षम प्राधिकारी होने की भी बात सरकार को बताई।

इतना ही नहीं इसके गंभीर कानूनी परिणामों के प्रति भी सरकार को सहजभाव से आगाह किया। रिपोर्ट में सभी फाइलों के अवलोकन के आधार पर कहा गया था कि सरकार ने अधिकारियों के परामर्श को दरकिनार कर संवैधानिक प्रावधानों, सामान्य प्रशासन से जुड़े कानून और प्रशासनिक आदेशों का उल्लंघन किया है।

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