दिल्ली हाई कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ 10 करोड़ रुपए के दूसरे मानहानि मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री के लिखित बयान के जवाब में दायर वित्त मंत्री अरुण जेटली के जवाब (उत्तर) को निरस्त करने संबंधी आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता की याचिका को मंगलवार (12 दिसंबर) को खारिज कर दिया।न्यूज एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक न्यायमूर्ति मनमोहन ने कहा कि प्रतिक्रिया में कही गई बातें या केजरीवाल के लिखित बयान को लेकर जेटली के जवाब ने महत्वपूर्ण मामले पर केंद्रीय मंत्री के दृष्टिकोण को स्पष्ट किया है और यह उत्तर इस मामले में प्रासंगिक है।
अदालत ने कहा कि केंद्रीय मंत्री ने अपने प्रत्युत्तर में जो बातें कही हैं, वे असंगत नहीं हैं, ये बातें ऐसी नहीं हैं जिनपर गंभीरता से विचार नहीं किया जा सकता और न ही ये कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग हैं। अदालत ने जेटली के प्रतिक्रिया में सामने रखे गए नए तथ्यों का जवाब देने के लिए केजरीवाल को चार सप्ताह का समय दिया।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने अपने लिखित बयान के जवाब में दायर जेटली के पूरे उत्तर को अस्वीकार करने की मांग करते हुए एक याचिका दायर की थी। इस याचिका की सुनवाई के दौरान अदालत ने यह फैसला सुनाया।केजरीवाल ने दावा किया था कि जेटली के प्रत्युत्तर में अतिरिक्त आरोप लगाए गए हैं जो वादपत्र का हिस्सा नहीं हैं और इसलिए मुख्यमंत्री के पास अपने लिखित जवाब में उनका खंडन करने मौका नहीं है।
केजरीवाल के खिलाफ दूसरे दीवानी मानहानि मामले में अरूण जेटली ने उन्हें पहुंची क्षति के रूप में 10 करोड़ रुपए की मांग की है। इस मामले में अदालत के नोटिस पर केजरीवाल ने अपना लिखित जवाब दायर किया था। बाद में, जेटली से केजरीवाल के बयान पर अपना जवाब दायर करने को कहा गया था।
इस मामले में आरोप लगाया गया है कि मुख्यमंत्री केजरीवाल के तत्कालीन वकील राम जेठमलानी ने केजरीवाल एवं पांच अन्य आप नेताओं के खिलाफ दर्ज एक अन्य मानहानि मामले की कार्यवाही के दौरान जेटली के खिलाफ मानहानिकारक टिप्पणियां की थीं।
क्या है पूरा मामला?
गौरतलब है कि जेटली ने दिसंबर, 2015 को केजरीवाल के अलावा आम आदमी पार्टी (AAP) के नेताओं कुमार विश्वास, आशुतोष, संजय सिंह, राघव चड्ढा और दीपक वाजपेयी के खिलाफ दिल्ली एवं राज्य क्रिकेट संघ (डीडीसीए) में भ्रष्टाचार मामले में कथित तौर पर झूठे और अपमानजनक बयान देने के लिए 10 करोड़ रुपये के मानहानि का मुकदमा किया है।
इस मामले की सुनवाई के दौरान केजरीवाल की पैरवी करते हुए राम जेठमलानी ने अरुण जेटली के लिए CROOK (बदमाश) शब्द का प्रयोग किया था। जिसे लेकर जेठमलानी और जेटली के बीच तीखी बहस हुई थी। जिसके बाद जेटली ने ‘बदमाश’ शब्द का इस्तेमाल करने को लेकर केजरीवाल के खिलाफ 10 करोड़ रुपये का एक और मानहानि का नया दीवानी मुकदमा हाई कोर्ट में दायर किया है।
अब कुल मिलाकर मानहानि की रकम 20 करोड़ रुपए हो चुकी है। इन सभी लोगों ने जेटली पर दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) में वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया था। हालांकि, जेटली ने इन आरोपों से इनकार किया है। बता दें कि वर्ष 2000 से 2013 तक जेटली डीडीसीए के अध्यक्ष थे।