बिहार में एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम यानी एईएस (चमकी बुखार) से मरने वाले बच्चों का आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, इस बिमारी की चपेट में आने से मुजफ्फरपुर में अब तक 100 बच्चों की मौत हो चुकी है। इस दौरान रविवार को हालात का जायजा लेने मुजफ्फरपुर श्रीकृष्ण सिंह मेडिकल कालेज अस्पताल पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन ने इस समस्या को जड़ से समाप्त करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से राज्य को सभी संभव तकनीक और आर्थिक मदद का आश्वासन दिया।
हर्षवर्द्धन ने मेडिकल कालेज का जायजा लेने के बाद पत्रकारों से कहा, “मैं इस क्षेत्र के लोगों, विशेष रूप से प्रभावित परिवारों को विश्वास दिलाता हूं कि समस्या को जड़ से समाप्त करने के लिए केंद्र सरकार राज्य सरकार को सभी संभव आर्थिक और तकनीकी सहयोग देगी।” उन्होंने इस रोग के कारण इस इलाके में पिछले कई वर्षों से हो रही बच्चों की मौत के मद्देनजर मुजफ्फरपुर श्रीकृष्ण मेडिकल कालेज अस्पताल में बीमार बच्चों के लिए वर्तमान की व्यवस्था को अपर्याप्त मानते हुए कहा कि यहां कम से कम सौ बिस्तरों वाला बच्चों का अलग से गहन चिकित्सा कक्ष बनना चाहिए ।
हर्षवर्द्धन ने कहा कि उन्होंने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री को अगले साल तक युद्ध स्तर पर इसे तैयार कर लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि बिहार में चार—पांच जगहों पर स्टेट आफ दी आर्ट वाईरोलोजी प्रयोगशाला कुछ ही महीनों के पूरा कर लिया जाएगा। हर्षवर्द्धन ने कहा, “इस रोग के इलाज के लिए शिशु रोग विशेषज्ञों के अलावा न्यूरोलोजिस्ट का होना आवश्यक है । इस अस्पताल में निर्माणाधीन सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक का काम अगले छह महीने के भीतर पूरा करने के लिए कहा गया है ।” मंत्री ने कहा कि मुजफ्फरपुर स्थित भारतीय मौसम विभाग के वेधशाला को उन्नत किया जाएगा ताकि इस रोग का अर्द्रता और तापमान के बढ़ने के साथ संभावित संबंध की जानकारी लोगों को मिल सके।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुजफ्फरपुर में एईएस से हुई बच्चों की मृत्यु पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है।मुख्यमंत्री ने इस भयंकर बीमारी से मृत हुए बच्चों के परिजनों को मुख्यमंत्री राहत कोष से शीघ्र ही चार-चार लाख रूपये अनुग्रह अनुदान देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन एवं चिकित्सकों को इस भयंकर बीमारी से निपटने के लिए हरसंभव कदम उठाने का निर्देश देने के साथ एईस से पीड़ित बच्चों के ज़ल्द स्वस्थ होने के लिये ईश्वर से प्रार्थना की है।
गौरतलब है कि बिहार के कई जिलों में एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम यानी एईएस का कहर जारी है। बिहार में इसे चमकी बुखार भी कहा जाता है। बच्चों की मौतों पर नीतीश सरकार घिरती हुई नजर आ रहीं है। चमकी बुखार के कहर के चलते अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। एईएस के प्रकोप से मरने वाले ज्यादातर बच्चे समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के हैं। (इंपुट: भाषा के साथ)