बिहार में एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम यानी एईएस (चमकी बुखार) से मरने वाले बच्चों का आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। आंकड़ों के मुताबिक इस बिमारी की चपेट में आने से राज्य में अब तक 84 बच्चों की मौत हो चुकी है।

समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, मुजफ्फरपुर में एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम यानी एईएस के कारण अब तक मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 84 हो गया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बच्चों की मौत पर गहरा दुख जताया है और इस भयानक स्थिति को देखते हुए मरने वालों के परिवार वालों के लिए 4-4 लाख रुपये के मुआवजे का एलान किया है।
इसी बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन आज बिहार पहुंच चुके हैं। रिपोर्टों के मुताबिक, मुजफ्फरपुर में हालत इतने भयानक हैं कि आज हालात का जायजा लेने पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री की मौजूदगी में ही एक पांच साल की बच्ची ने इस बीमारी से दम तोड़ दिया। डॉ हर्षवर्धन बिहार में एक्यूट इंसिफेलाइटिस सिंड्रोम या चमकी बुखार के बढ़ रहे मामलों की जानकारी लेने और मौजूदा हालात की समीक्षा करने के लिए आए हैं।
#BREAKING
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन मुज़फ़्फ़रपुर पहुंचे, डॉ हर्षवर्धन की की मौजूदगी में एक पांच साल की बच्ची ने दम तोड़ा. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 4 लाख के मुआवज़े का एलान किया. pic.twitter.com/cjbF8ZJf4w— News18Hindi (@HindiNews18) June 16, 2019
गौरतलब है कि बिहार के कई जिलों में एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम यानी एईएस का कहर जारी है। बिहार में इसे चमकी बुखार भी कहा जाता है। बच्चों की मौतों पर नीतीश सरकार घिरती हुई नजर आ रहीं है। चमकी बुखार के कहर के चलते अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। एईएस के प्रकोप से मरने वाले ज्यादातर बच्चे समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के हैं।