गुजरात के साबरकांठा जिले में एक बैल की हत्या करने के आरोपी 58 वर्षीय आदिवासी व्यक्ति की पुलिस हिरासत में कथित तौर पर मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि कोदर गामर की मौत की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। वह उन चार लोगों में से एक था, जिन्हें हाल ही में संशोधित किए गए गुजरात पशु संरक्षण अधिनियम और पशु अत्याचार रोकथाम अधिनियम के तहत एक बैल की हत्या के लिए गिरफ्तार किया गया था।
साबरकंठा के पुलिस अधीक्षक पी एल माल ने कहा कि खेरोज पुलिस की हिरासत में बंद गामर बीमार पड़ गया और उसे अहमदाबाद के एक अस्पताल ले जाया गया, जहां गुरुवार(4 मई) को उसकी मौत हो गई। वह जिले के खेदब्रह्म तालुक में कोटडा गांव का रहने वाला था और आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखता था।
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि मंगलवार शाम को गामर पेट खराब होने की वजह से बार-बार शौचालय गया। फिर वह नहाने गया और बाथरूम में गिर गया। उसे एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया और वहां से हिम्मतनगर सिविल अस्पताल ले जाया गया।
बाद में उसे अहमदाबाद सिविल अस्पताल में भेज दिया गया जहां रात करीब साढ़े 10 बजे उसकी मौत हो गई। उन्होंने कहा कि हमने विभागीय जांच के आदेश दिए हैं जिसका नेतृत्व पुलिस उपाधीक्षक करेंगे। नियम के अनुसार मजिस्ट्रेट भी न्यायिक जांच करेंगे।
बता दें कि गुजरात में गोहत्या के खिलाफ देश का सबसे सख्त कानून पास किया गया है। ये देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जहां गोहत्या पर उम्रकैद की सजा दी जाएगी। राज्य विधानसभा ने गुजरात पशु संरक्षण (संशोधन) अधिनियम 2011 31 मार्च को पारित कर दिया।
इस अधिनियम के कानून बन जाने पर किसी भी आदमी को बीफ ले जाने पर भी उम्र कैद की सजा होगी। इसके अलावा बीफ लाने- ले जाने और गाय काटने पर 1 लाख रुपए से 5 लाख रुपए तक का जुर्माना लगेगा। इस नए कानून के मुताबिक, गुजरात में सिर्फ गायों ही नहीं, बछड़ों, बैल और भैंसों का कत्ल करने पर भी रोक लग जाएगी।