गुजरात पुलिस द्वारा दलित नेता और वडगाम से नवनिर्वाचित विधायक जिग्नेश मेवानी और उनके साथियों को हिरासत में ले लिया गया है। दरअसल, मेवानी ने दलित कार्यकर्ता भानु वानकर की मौत के मामले में विरोध प्रदर्शन करने के उद्देश्य से रविवार (18 फरवरी) को अहमदाबाद बंद का ऐलान किया था। जिग्नेश मेवानी के आह्वान पर सारंगपुर में बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा के पास दलित एकत्र हुए। इस प्रदर्शन को खत्म करने के लिए पुलिस ने जिग्नेश मोवानी को हिरासत में लिया है।
(Indian Express Photo/Shekhar Yadav)मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जिग्नेश को हिरासत में लिए जाने के बाद उनके समर्थक आक्रोशित हो गए और देखते ही देखते अहमदाबाद में प्रदर्शन हिंसक हो गया है, भड़के लोगों ने कारों को आग लगा दी। इस वजह से हिंसा पर काबू पाने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। इस बारे में मेवाणी और उनके साथियों ने कहा कि वो अहिंसक और शांति रूप में अपना विरोध कर रहे थे लेकिन पुलिस ने जानबूझकर उनके साथ सख्ती दिखाई है, जो कुछ भी हुआ है उसके लिए प्रशासन जिम्मेदार है।
वहीं जिग्नेश मेवानी के ट्विटर अकाउंट से उनकी टीम ने ट्वीट कर आरोप लगाया है कि, मेवानी और उनके साथियों को कार से निकालकर गलत तरीके से पुलिस ने हिरासत में लिया है। बता दें कि जमीन आवंटन में हो रही देरी के खिलाफ गुजरात के पाटन में आत्मदाह करने वाले 61 वर्षीय दलित कार्यकर्ता भानुभाई वानकर की शुक्रवार रात 10 बजे एक निजी अस्पताल में मौत हो गई। गुरुवार को दोपहर में उन्होंने पाटन जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर खुद को आग लगा ली थी।
जिग्नेश मेवानी और उनके साथियों को कार से निकाल के, कार की चाबी तोड़ के गलत तरीके से अज्ञात लोगो द्वारा कोई अज्ञात जगह पर ले गए है –
जिग्नेश मेवानी टीम pic.twitter.com/uZsG8rYcVK— Jignesh Mevani (@jigneshmevani80) February 18, 2018
समाचार एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले वानकर का शव गांधीनगर सिविल अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए लाया गया था। वहीं वानकर की मौत से गुस्साए दलित समाज के लोगों ने अस्पताल के बाहर परिजनों की मांग के समर्थन में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किए। इसके बाद पाटन पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। वानकर ने गुरुवार को पाटन कलेक्टर कार्यालय के बाहर खुद को आग लगा ली थी। अगले दिन शुक्रवार को अहमदाबाद के एक निजी अस्पताल में उसकी मौत हो गई।
वह एक भूमिहीन दलित खेतिहर मजदूर हेमाबेन वानकर के लिए लड़ रहा था। हेमाबेन ने आरोप लगाया था कि अधिकारियों ने साल 2013 में उससे 22,236 रुपये तो लिए लेकिन उसे भूखंड का आवंटन नहीं किया। एक सप्ताह पहले कलेक्टर को सौंपे ज्ञापन में हेमाबेन और वानकर ने आत्मदाह की धमकी दी थी। दूधका गांव के दलित लगभग तीन साल से जमीन आवंटन की मांग कर रहे हैं।
हिरासत में लिए गए जिग्नेश मेवानी
गुजरात दलित आत्मदाह मामला: अज्ञात जगह पर ले जाए गए जिग्नेश मेवानी, अहमदाबाद बंद का किया था ऐलान, जिग्नेश मेवानी ने ट्वीट कर आरोप लगाया है कि उनके साथियों को कार से निकाल के गलत तरीके से अज्ञात लोगों द्वारा किसी अज्ञात जगह पर ले गए हैं।
Posted by जनता का रिपोर्टर on Sunday, 18 February 2018
जिग्नेश ने की SIT से जांच की मांग
गुजरात के दलित नेता और निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी ने वानकर के परिजनो से अस्पताल में मुलाकात की। उन्होंने इसे सरकारी हत्या कहा और एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित कर वानकर की मौत की जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि विशेष जांच दल में एक सदस्य दलित समुदाय का होना चाहिए।
वहीं जिग्नेश ने कहा कि घटना के लिए जिम्मेदार राजस्व और पुलिस अधिकारियों का नाम भी एफआईआर में दर्ज होना चाहिए। वहीं पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के संयोजक हार्दिक पटेल ने कहा कि जमीन के टुकड़े के लिए एक व्यक्ति को आत्मदाह करना पड़ा। यह सरकार की विफलता को दर्शाता है।