गुजरात: जिलाधिकारी कार्यालय के सामने आत्मदाह करने वाले दलित किसान की इलाज के दौरान अस्पताल में मौत

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गुजरात के पाटन जिले में जिलाधिकारी कार्यालय के सामने आत्‍मदाह करने वाले भानु भाई वणकर की इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई।

प्रतिकात्मक फोटो

न्यूज़ 18 हिंदी की ख़बर के मुताबिक, पाटन के कलेक्टर दफ्तर के बाहर उन्होंने आग लगा ली थी जिसमें वह बुरी तरह से झुलस गए थे। सूत्रों के अनुसार, सरकारी योजना द्वारा आवंटित जमीन का कब्जा न मिल पाने के कारण भानु भाई ने आत्महत्या कर ली थी। इसकी पूर्व सूचना उन्होंने संबंधित अधिकारियों को भी दी थी।

भानु भाई जिग्नेश मेवानी की अध्यक्षता वाले राष्ट्रीय दलित एकता अधिकार मंच के सक्रिय कार्यकर्ता थे। गौरतलब है कि, भानुभाई की मौत से राज्य सरकार की एक बार फिर से परेशानी बढ़ सकती है।

ख़बर के मुताबिक, आत्‍मदाह की कोशिश के बाद मेवाणी ने कहा था कि यह बीजेपी सरकार के लिए शर्म की बात है कि दलितों को अपने अधिकारों के लिए खुदकुशी जैसा कदम उठाना पड़ रहा है।

न्यूज़ 18 हिंदी की ख़बर के मुताबिक, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने दलित परिवार को जमीन के आवंटन में कथित देरी पर दलित कार्यकर्ता भानू वणकर के आत्मदाह के प्रयास की जांच का आदेश दिया और उन्‍होंने घटना पर दुख भी जताया था।

सरकारी योजना के तहत एक दलित परिवार को जमीन आवंटन में देरी के खिलाफ विरोध जताते हुए वणकर ने गुरुवार को खुद को आग लगा ली थी। पाटन जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर खुद को आग लगाने के बाद 60 वर्षीय वणकर गंभीर रूप से झुलस गए थे और उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

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