चेन्नई सुपरकिंग्स (सीएसके) ने पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ झड़प में 20 भारतीय जवानों के शहीद होने पर सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के लिए टीम डाक्टर मधु थोटापिल्लिल को बुधवार को निलंबित कर दिया क्योंकि आईपीएल फ्रेंचाइजी ने इसे दुर्भावनापूर्ण करार दिया। सीएसके के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी हैं जो प्रादेशिक सेना में मानद लेफ्टिनेंट रैंक पर है। सीएसके ने अपने आधिकारिक ट्विटर पेज पर इस निलंबन की घोषणा की। बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन की इंडिया सीमेंट्स टीम की मालिक है।
बयान के अनुसार, ‘‘चेन्नई सुपरकिंस प्रबंधन को डॉक्टर मधु थोटापिल्लिनी द्वारा किए गए ट्वीट की जानकारी नहीं थी। उन्हें टीम डॉक्टर के पद से निलंबित कर दिया गया है।’’ इसके अनुसार, ‘‘चेन्नई सुपरकिंग्स को उनके ट्वीट पर खेद है जो प्रबंधन की जानकारी के बिना किया गया और यह दुर्भावनापूर्ण था।’’
वह आईपीएल के शुरू होने से ही टीम के साथ हैं और स्पोर्ट्स मेडिसिन के विशेषज्ञ हैं। गलवान घाटी में भारत और चीन की सेनाओं के बीच पिछले पांच दशक में यह सबसे बड़ा टकराव है जिससे इस क्षेत्र में सीमा पर गतिरोध बढ़ गया है।
The Chennai Super Kings Management was not aware of the personal tweet of Dr. Madhu Thottappillil. He has been suspended from his position as the Team Doctor.
Chennai Super Kings regrets his tweet which was without the knowledge of the Management and in bad taste.
— Chennai Super Kings (@ChennaiIPL) June 17, 2020
डॉ. मधु थोट्टिलिल ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से गलवान घाटी में भारत-चीन सीमा विवाद में शहीद हुए भारतीय सैनिकों के बारे में पीएम केयर फंड पर कटाक्ष करते हुए ट्वीट किया था। डॉक्टर ने अपने ट्वीट में लिखा था कि, मैं ये जानने को उत्सुक हूं कि जो ताबूत वापस आएंगे क्या उस पर ‘पीएम केयर’ का स्टीकर लगा होगा।’
गौरतलब है कि, पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात को चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना के कुल 20 सैनिक शहीद हो गए। इस घटना से पहले से जारी गतिरोध की स्थिति और गंभीर हो गई है। पिछले पांच दशक से भी ज्यादा समय में सबसे बड़े सैन्य टकराव के कारण क्षेत्र में सीमा पर पहले से जारी गतिरोध और भड़क गया है।
इससे पहले सेना ने शुरू में मंगलवार को कहा कि एक अधिकारी और दो सैनिक शहीद हुए। लेकिन, देर शाम बयान में कहा गया कि 17 अन्य सैनिक “जो अत्यधिक ऊंचाई पर शून्य से नीचे तापमान में गतिरोध के स्थान पर ड्यूटी के दौरान गंभीर रूप से घायल हो गए थे, उन्होंने दम तोड़ दिया है। इससे शहीद हुए सैनिकों की संख्या बढ़कर 20 हो गई है।”