जनसंख्या नियंत्रण नीति को लेकर BJP नेता सीटी रवि और कांग्रेस के गुंडू राव के बीच ट्वीटर पर नोकझोंक

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कर्नाटक में जनसंख्या नियंत्रण उपायों की आवश्यकता पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सी. टी. रवि और तमिलनाडु के कांग्रेस प्रभारी दिनेश गुंडू राव के बीच वाकयुद्ध देखने को मिला है। राव ने कहा कि भाजपा की उत्तर प्रदेश जनसंख्या नियंत्रण नीति बलपूर्वक है, जिस पर रवि ने पूछा, तो क्या आपातकाल के दौरान कांग्रेस द्वारा अपनाए गए जनसंख्या नियंत्रण मॉडल का पालन करना चाहिए?

जनसंख्या नियंत्रण

मंगलवार को कर्नाटक के भाजपा विधायक और तमिलनाडु, महाराष्ट्र और गोवा के प्रभारी रवि ने मांग की थी कि कर्नाटक अपनी बढ़ती आबादी को नियंत्रित करने के लिए असम और उत्तर प्रदेश की तर्ज पर एक नई जनसंख्या नीति लाए।

रवि ने ट्वीट करते हुए कहा था, यह सही समय है कि कर्नाटक अपनी बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए असम और उत्तर प्रदेश की तर्ज पर एक नई जनसंख्या नीति लाए। सीमित प्राकृतिक संसाधनों के साथ, जनसंख्या विस्फोट होने पर प्रत्येक नागरिक की जरूरतों को पूरा करना मुश्किल होगा।

कर्नाटक के लिए रवि की जनसंख्या नीति की मांग का जिक्र करते हुए, कांग्रेस विधायक, राव ने ट्वीट किया, सी. टी. रवि, उत्तर प्रदेश जनसंख्या नियंत्रण नीति बलपूर्वक है और इसके अनपेक्षित परिणाम हैं। साथ ही कर्नाटक में प्रजनन दर 1.7 है जो 2.1 की प्रतिस्थापन दर से नीचे है। हम ऐसी अवैज्ञानिक नीतियों के बिना अच्छा कर रहे हैं, इसलिए कृपया अपने विचार पर संयम रखें।

राव पर पलटवार करते हुए रवि ने पूछा कि क्या दो से अधिक बच्चे पैदा करने वाले पुरुषों की जबरन नसबंदी कर दी जानी चाहिए?

उन्होंने सवाल दागते हुए कहा, यदि उत्तर प्रदेश की जनसंख्या नियंत्रण नीति जबरदस्ती है, तो क्या आपातकाल के दौरान कांग्रेस द्वारा अपनाए गए जनसंख्या नियंत्रण मॉडल का पालन करना चाहिए? क्या दो से अधिक बच्चे पैदा करने वाले पुरुषों की जबरन नसबंदी कर दी जानी चाहिए? क्या इसके अपेक्षित परिणाम होंगे, दिनेश गुंडू राव? कृपया स्पष्ट करें।

गौरतलब है कि, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को ‘विश्व जनसंख्या दिवस’ के अवसर पर ‘उत्तर प्रदेश जनसंख्या नीति 2021-2030’ जारी की। गौरतलब है कि, प्रस्तावित जनसंख्या नियंत्रण विधेयक के एक मसौदे के अनुसार, उत्तर प्रदेश में दो-बच्चों की नीति का उल्लंघन करने वाले को स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने, सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करने, पदोन्नति और किसी भी प्रकार की सरकारी सब्सिडी प्राप्त करने से वंचित कर दिया जाएगा। (इंपुट: IANS के साथ)

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