नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार(16 फरवरी) को तीन तलाक मामले में कहा कि यह एक बहुत ही गंभीर मुद्दा है और इसे सुने जाने की जरूरत है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने संबंधित पार्टियों को लिखित में अपना पक्ष अटार्नी जनरल के पास 30 मार्च 2017 तक जमा कराने को कहा है।
शीर्ष अदालत कहा कि तीन तलाक के मुद्दे को लेकर दायर की गई याचिकाओं पर सुनवाई पांच जजों की संविधान पीठ मई के महीने में करेगी। कोर्ट ने कहा कि अदालत तीन तलाक के सभी पहलुओं पर विचार करेगी। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर ने कहा इस मामले में सिर्फ कानूनी पहलुओं पर ही सुनवाई होगी।
साथ ही कोर्ट ने कहा कि सभी पक्षों के एक-एक शब्द पर अदालत गौर करेगी। अदालत कानून से अलग नहीं जा सकती।जब एक महिला वकील ने प्रसिद्ध शाहबानो प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के हश्र का जिक्र किया तब पीठ ने कहा कि किसी भी मामले के हमेशा दो पक्ष होते हैं।
अदालत ने कहा कि हम 40 सालों से मामलों में फैसला करते रहे हैं। हमें कानून के अनुसार जाना होगा, हम कानून से परे नहीं जाएंगे। बता दें कि केंद्र ने मुस्लिम समुदाय में प्रचलित तीन तलाक, निकाह हलाला और बहुविवाह की प्रथाओं का विरोध किया था तथा लैंगिक समानता एवं धर्मनिरपेक्षता जैसे आधारों पर नए सिरे से गौर करने की हिमायत की थी।