लोकसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस के लिए कर्नाटक से आई खुशखबरी, निकाय चुनाव में जेडीएस और BJP को पीछे छोड़ जीतीं सबसे ज्यादा सीटें

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लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस को कर्नाटक से शुक्रवार (31 मई) को राहत देने वाली खबर आई। पार्टी ने राज्य में हुए स्थानीय निकाय चुनाव में जेडीएस और भाजपा को पीछे छोड़ते हुए सबसे अधिक सीटें जीतीं। कुल सात श‍हरी म्यूनिसिपल काउंसिल के जारी हुए आंकड़ों में कांग्रेस को 90, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को 56, जबकि जद (एस) यानी जनता दल सेक्युलर को 38, बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) को 2 और निर्दलीय ने 25 सीटों पर जीत दर्ज की है। वहीं, 6 सीटें अन्य के खाते में गई है।

राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार, 56 शहरी स्थानीय निकायों में कुल 1,221 वार्डों में से कांग्रेस ने 509 वार्डों में जीत हासिल की, जबकि भाजपा को 366 स्थानों पर जीत मिली। अकेले चुनाव लड़ने वाली जद (एस) को 174 वार्डों में जीत मिली। 160 वार्डों में निर्दलीय उम्मीदवार विजयी हुए जबकि बसपा को तीन, माकपा को दो और अन्य दलों को सात सीटें मिलीं। सात नगर परिषदों के 217 वार्डों, 30 नगरपालिका परिषदों के 714 वार्डों और 19 नगर पंचायतों के 290 वार्डों के परिणाम घोषित किए गए।

वहीं, कांग्रेस ने 30 नगरपालिका परिषदों के 714 वार्डों में से 322 में जीत हासिल की। भाजपा ने 184 और जद-एस ने 102 सीटें जीतीं। लोकसभा चुनाव मिलकर लड़ने वाले जेडीएस और कांग्रेस ने निकाय चुनाव में अलग-अलग उम्मीदवार उतारे थे। लोकसभा चुनाव में कर्नाटक में भाजपा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन का सूपड़ा साफ कर दिया था। बीजेपी ने राज्य की कुल 28 लोकसभा सीटों में से 25 पर जीत मिली। कर्नाटक में कांग्रेस का अबतक सबसे खराब प्रदर्शन रहा और उसे एक ही लोकसभा सीट मिली। जद (एस) को भी एक ही सीट मिली।

उल्लेखनीय है कि सत्तारूढ़ भाजपा ने 303 सीटें जीत कर पूर्ण बहुमत हासिल किया है। लोकसभा की 543 सीटों में से 542 सीटों पर सात चरण में मतदान हुआ था। 303 सीट जीत कर सबसे बड़े दल के रूप में उभरी भाजपा के बाद कांग्रेस ने 52 सीटों पर जीत दर्ज की है। लोकसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस के अंदर उथल-पुथल और मंथन का दौर जारी है। चुनावों में करारी हार के बाद पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी इस्तीफा देने की बात पर अड़े हैं।

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