हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता वीरभद्र सिंह का लंबी बीमारी के बाद गुरुवार तड़के निधन हो गया। वह 87 वर्ष के थे। वरिष्ठ कांग्रेस नेता के निधन से प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई है।
इंदिरा गांधी चिकित्सा कॉलेज (आईजीएमसी) के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर जनक राज ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री ने तड़के 3.40 बजे अंतिम सांस ली। सोमवार को सिंह को दिल का दौरा पड़ा था और उनकी स्थिति गंभीर हो गई थी। उन्हें आईजीएमसी की क्रिटिकल केयर यूनिट में रखा गया था।
सांस लेने में तकलीफ के बाद उन्हें बुधवार को हृदय रोग विभाग में चिकित्सकों की निगरानी में वेंटिलेटर पर रखा गया था। पांच बार सांसद और नौ बार विधायक रहे वीरभद्र सिंह छह बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। वह केंद्र सरकार में मंत्री भी रहे।
वीरभद्र सिंह 1983 से 1985 पहली बार, फिर 1985 से 1990 तक दूसरी बार, 1993 से 1998 में तीसरी बार, 1998 में कुछ दिन चौथी बार, फिर 2003 से 2007 पांचवीं बार और 2012 से 2017 छठी बार मुख्यमंत्री बने। लोकसभा के लिए वह पहली बार 1962 में चुने गए।
वीरभद्र सिंह का जन्म 23 जून, 1934 को बुशहर रियासत के राजा पदम सिंह के घर में हुआ। 12 अप्रैल को 11 जून को वह दो बार कोरोना वायरस से ग्रसित पाए गए थे, जिसके बाद उनकी तबीयत अक्सर खराब रहने लगी। (इंपुट: भाषा के साथ)