पूर्व केंद्रीय मंत्री और केरल की तिरुअनंतपुरम सीट से कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अपनी पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में अदालत आरोपमुक्त किए जाने के बाद कहा कि उनके साथ न्याय हुआ है, हालांकि उन्हें निराधार आरोपों का सामना करना पड़ा।
बता दें कि, दिल्ली की एक अदालत ने थरूर को उनकी पत्नी सुनंदा पुष्कर की एक होटल में हुई मौत के मामले में बुधवार को आरोपमुक्त कर दिया। विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने ऑनलाइन माध्यम से सुनवाई करते हुए आदेश पारित किया। थरूर ने न्यायाधीश का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि बीते साढ़े सात साल ‘प्रताड़ना’ में बीते और यह फैसला ‘बड़ी राहत’ लेकर आया है।
इस फैसले के बाद थरूर ने एक बयान जारी कर कहा, ‘मैं न्यायाधीश गीतांजलि गोयल जी का उनके फैसले के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं… इस फैसले से उस दुःस्वप्न की परिणति हुई जिससे मुझे अपनी पत्नी सुनंदा पुष्कर के निधन के बाद गुजरना पड़ा।’ थरूर के मुताबिक, ‘मुझे कई निराधार आरोप झेलने पड़े और मीडिया की ओर से भी बदनामी का सामना करना पड़ा, लेकिन मुझे न्यायपालिका में पूरा विश्वास था। मेरे रुख की आज पुष्टि हुई है।’
उन्होंने कहा, ‘हमारी न्यायिक प्रणाली में प्रक्रिया ही अक्सर सजा बन जाती है। बहरहाल, तथ्य यह है कि न्याय हुआ है और हमारा पूरा परिवार को सुनंदा की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करेगा।’ उन्होंने अपने वकीलों का धन्यवाद किया।
गौरतलब है कि 17 जनवरी 2014 को सुनंदा पुष्कर दक्षिण दिल्ली के एक लग्जरी होटल में रहस्यमयी परिस्थितियों में मृत पाई गई थीं। दंपति होटल में ठहरे हुए थे क्योंकि उस समय थरूर के आधिकारिक बंगले का नवीनीकरण किया जा रहा था। जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने थरूर पर सुनंदा को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया था।
थरूर पर दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए (महिला के पति या पति के रिश्तेदार द्वारा उसपर क्रूरता करना) और धारा 306 के तहत आरोप लगाया गया था, लेकिन इस मामले में कोई गिरफ्तार नहीं की गई थी। उन्हें पांच जुलाई 2018 को जमानत दे दी गई थी। (इंपुट: भाषा के साथ)