मेघालय में कांग्रेस ने राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार बनाने का पेश किया दावा

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मेघालय विधानसभा की सभी सीटों के नतीजे घोषित हो चुके हैं और यहां किसी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है। राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है लेकिन वह बहुमत हासिल करने में असफल रही क्योंकि उसे मात्र 21 सीटें मिलीं। यहीं वजह है कि कांग्रेस को यहां सरकार बनाने के लिए गठजोड़ की राजनीति से होकर गुजरना है।

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ऐसे में शनिवार देर रात मेघालय कांग्रेस के अध्यक्ष विंसेंट पाला और कांग्रेस के महासचिव सीपी जोशी ने राज्यपाल गंगा प्रसाद से मुलाकात की और सरकार बनाने का दावा देर रात कर सकी। लेटर के मुताबिक कांग्रेस चाहती है कि उसे राज्य में संवैधानिक नियमों के अनुसार जल्द सरकार बनाने का निमंत्रण मिलना चाहिए। कांग्रेस का दावा है कि वो तय समय पर विधानसभा में अपना बहुमत सिद्ध कर देगी।

दरअसल, मेघालय में भाजपा गठबंधन का प्रदर्शन त्रिपुरा और नगालैंड की तरह नहीं रहा। वहां सत्तारूढ़ कांग्रेस भी स्पष्ट जनादेश नहीं पा सकी। ऐसे में भाजपा वहां भी गैर कांग्रेसी सरकार के गठन की संभावनाएं टटोल रही है। वहीं, कांग्रेस भी सरकार बनाने की कवायद में जुटी है। मेघालय में शनिवार को हुई मतगणना का नतीजा त्रिशंकु विधानसभा के रूप में निकला और 59 में से 21 सीट जीतकर कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी।

वहीं नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) 19 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर है। जबिक, 47 सीटों पर लड़ने वाली भाजपा केवल दो सीट जीत सकी। बीजेपी और एनपीपी दोनों को मिलाकर सीटों की संख्या कांग्रेस के बराबर है। इसके अलावा एनसीपी को 1, हिल स्टेट डेमोक्रेटिक पार्टी को 2, युनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी को 6, पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट को 4 और केएचएनएएम को 1 सीटें मिली है जबकि 3 सीटें निर्दलीय के खाते में गई हैं। 13 सीटें जीतने वाली छोटी पार्टियां सरकार गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।

शनिवार को चुनाव परिणाम आने के कुछ देर बाद ही कांग्रेस ने राज्यपाल से मिलकर पार्टी की ओर से दावा पेश किया। अहमद पटेल और कमलनाथ राज्य के निर्दलीय विधायकों से बात कर पार्टी की सरकार बनाने का प्रयास करेंगे। दरअसल, पार्टी समय से दावा पेश नहीं कर सकी थी। उन दोनों राज्यों में भाजपा ने निर्दलीय विधायकों और छोटी पार्टियों के समर्थन से अपनी सरकार बना ली थी। कांग्रेस अब पुरानी गलती नहीं दोहराना चाहती है।

 

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