कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट पर पीएम मोदी की फोटो पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कसा तंज, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने किया पलटवार

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट पर पीएम मोदी की तस्वीर को लेकर सरकार पर तंज कसा। जयराम रमेश के ट्वीट पर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने पलटवार किया है। जितेंद्र सिंह ने ट्वीट करके लिखा कि देश के लगभग सभी हॉस्पिटल छोटे या बड़े सबके नाम की शुरुआत नेहरू, इंदिरा और राजीव गांधी के नाम से ही है।

जयराम रमेश

जयराम रमेश ने मंगलवार को ट्वीट करते हुए लिखा था कि वर्तमान में ब्रिटेन में पढ़ाई कर रहे मेरे छोटे बेटे ने वैक्सीन की पहली डोज ली। जो सर्टिफिकेट मिला उसमें कहीं कोई बोरिस जॉनसन की तस्वीर उस पर नहीं थी जैसा हमारे देश में हो रहा है। जयराम रमेश ने इसके जरिए पीएम मोदी पर निशाना साधा।

जयराम रमेश के ट्वीट पर पलटवार करते हुए जितेंद्र सिंह ने ट्वीट करके लिखा कि देश के लगभग सभी हॉस्पिटल छोटे या बड़े सबके नाम की शुरुआत नेहरू, इंदिरा और राजीव गांधी के नाम से ही है। जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत के अधिकांश कस्बों और शहरों में, न केवल टीकाकरण केंद्र बल्कि हर बीमारी का इलाज, बड़े या छोटे, नेहरू, इंदिरा या राजीव गांधी के नाम पर वाले अस्पतालों में हो रहा है।

कोरोना वायरस के खिलाफ जारी टीकाकरण कार्यक्रम के बीच जयराम रमेश ने बुधवार को केंद्र सरकार की नीति पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने सरकार की वैक्सीन पॉलिसी को ‘अन्यायी’ बताया है। उन्होंने ट्वीट के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पर निशाना साधा। इस दौरान उन्होंन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया और वैक्सीन की कीमतों पर सवालिया निशान लगा।

रमेश ने लिखा ‘मोदी की टीकाकरण नीति, खासतौर से 18 से 44 आयुवर्ग के लिए कोई वास्तव में कोई नीति नहीं है। बल्कि सबसे बुरा यह है कि यह सबसे ज्यादा अन्यायी है।’ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने इस दौरान तीन कारण गिनाए हैं। उन्होंने कहा ‘वैक्सीन की बड़े पैमाने पर कमी, कोविन बुकिंग को अनिवार्य करने के चलते बड़ी संख्या में लोग छूट गए हैं।’ उन्होंने कहा ‘सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट को दिए गए हलफनामे के मुताबिक, केंद्र को आवंटित की गईं 50 प्रतिशत वैक्सीन निजी अस्पतालों के लिए हैं।’

गौरतलब है कि, कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से देश में हाहाकार मचा हुआ है। कोरोना के नए मामले बढ़ने के साथ अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की भी भारी कमी देखने को मिल रही है। कोरोना के प्रकोप से बचने के लिए वैक्सीनेशन बेहद जरूरी हो गया है। लेकिन कोरोना काल में वैक्सीन की बढ़ती मांग के बीच देश में वैक्सीन की कमी साफ तौर पर देखी जा रही है।

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