भारत ने सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस दावे से इनकार किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान के साथ कश्मीर मुद्दा सुलझाने के लिए उन्हें मध्यस्थता करने के लिए कहा था। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ बैठक में ट्रंप ने कश्मीर मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच ‘मध्यस्थता’ करने की पेशकश की। उन्होंने कहा कि मोदी के साथ हाल में हुई बैठक के दौरान उन्हें उनसे (मोदी) ऐसा करने का अनुरोध मिला था।
इस बीच कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से मध्यस्थता का आग्रह करने से जुड़े अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे को लेकर कांग्रेस ने मंगलवार को मोदी पर तीखा हमला बोला और सवाल किया कि प्रधानमंत्री जवाब दें कि उन्होंने यह पेशकश की थी या फिर ट्रंप झूठ बोल रहे हैं।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, “अब व्हाइट हाउस ने लिखित रूप से यह पूरी तरह स्पष्ट कर दिया है कि प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप से कश्मीर पर मध्यस्थता के लिए कहा था।” उन्होंने सवाल किया, “हमारे प्रधानमंत्री कब जागेंगे और अगर ट्रंप झूठ बोल रहे हैं तो उसे बकवास बताएंगे? या फिर वही सवाल कि क्या प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति से मध्यस्थता के लिए कहा था?”
Now, ‘Whitehouse’ puts up @POTUS assertion in ‘black & white’ that PM Modi asked him to ‘mediate on Kashmir’!
When will our PM ‘wake up’ & call the bluff if President Trump is lying?
Or
Did PM Modi ask @POTUS to mediate?https://t.co/pFV8gnl6YQ
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) July 23, 2019
इससे पहले सोमवार रात सुरजेवाला ने एक अन्य ट्वीट में कहा, “भारत ने जम्मू-कश्मीर में किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को कभी स्वीकार नहीं किया। किसी विदेशी शक्ति से जम्मू-कश्मीर में मध्यस्थता के लिए कहकर प्रधानमंत्री मोदी ने देश के हितों के साथ बड़ा विश्वासघात किया है।”
India has never accepted third party mediation in Jammu & Kashmir!
To ask a foreign power to mediate in J&K by PM Modi is a sacrilegious betrayal of country’s interests.
Let PM answer to the Nation!https://t.co/17wRVtRSMD
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) July 22, 2019
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व राजनयिक शशि थरूर ने कहा, “मुझे वाकई नहीं लगता है कि ट्रंप को थोड़ा भी अंदाजा है कि वह क्या बात कर रहे हैं? या तो उन्हें किसी ने मामले की जानकारी नहीं दी या वह समझे नहीं कि मोदी क्या कह रहे थे या फिर भारत का तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को लेकर क्या रुख है। विदेश मंत्रालय को इस मामले पर स्पष्टीकरण देना चाहिए कि भारत ने कभी भी ऐसी किसी मध्यस्थता को लेकर कोई बात नहीं की है।”
गौरतलब है कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में ट्रंप ने सोमवार को कहा कि मोदी दो हफ्ते पहले उनके साथ थे और उन्होंने कश्मीर मामले पर मध्यस्थता की पेशकश की थी। ट्रंप ने यह भी कहा कि मुझे लगता है कि भारत हल चाहता है और पाकिस्तान भी। यह मसला 70 साल से चल रहा है। मुझे इसमें मध्यस्थता करने पर खुशी होगी।
#WATCH Washington DC: Pakistan PM Imran Khan and US President Donald Trump reply to journalists when asked on Kashmir. pic.twitter.com/UM51rbsIYF
— ANI (@ANI) July 22, 2019
भारत ने मध्यस्थता संबंधी ट्रंप के दावे को किया खारिज
भारत के विदेश मंत्रालय ने ट्रंप द्वारा इस संबंध में दावा किए जाने के कुछ ही देर में उसे सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि उसका रुख हमेशा से यही रहा है कि भारत-पाकिस्तान के बीच मुद्दे द्विपक्षीय तरीके से सुलझाए जाएंगे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, ‘‘हमने अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा प्रेस को दिये उस बयान का देखा है जिसमें उन्होंने कहा है कि यदि भारत और पाकिस्तान अनुरोध करते हैं तो वह कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता के लिए तैयार हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति से इस तरह का कोई अनुरोध नहीं किया है।’’
उन्होंने कहा कि भारत का लगातार यही रुख रहा है कि पाकिस्तान के साथ सभी लंबित मुद्दों पर केवल द्विपक्षीय चर्चा की जाये। कुमार ने कहा, ‘‘पाकिस्तान के साथ किसी भी बातचीत के लिए सीमापार आतंकवाद पर रोक जरूरी होगी। भारत और पाकिस्तान के बीच सभी मुद्दों को द्विपक्षीय रूप से समाधान के लिए शिमला समझौता और लाहौर घोषणापत्र का अनुपालन आधार होगा।’’
…that all outstanding issues with Pakistan are discussed only bilaterally. Any engagement with Pakistan would require an end to cross border terrorism. The Shimla Agreement & the Lahore Declaration provide the basis to resolve all issues between India & Pakistan bilaterally.2/2
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) July 22, 2019
अमेरिका ने दी सफाई
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता से जुड़े बयान के बाद अब इस मामले पर अमेरिका ने ही घंटों बाद मंगलवार को ट्रंप की गलती सुधारते हुए कहा है कि ‘कश्मीर दोनों देशों का द्विपक्षीय मुद्दा है।’ दक्षिण एशिया के लिए शीर्ष अमेरिकी राजनयिक एलिस वेल्स ने साथ ट्वीट किया, ‘‘कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच का एक द्विपक्षीय मुद्दा है। ट्रंप प्रशासन भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत का स्वागत करता है और अमेरिका इस मामले में उनकी सहायता के लिए तैयार है।’’
विदेश मामलों के हाउस कमेटी के अध्यक्ष एलियट एल एंजेल ने अमेरिका में भारत के राजूदत हषर्वर्धन श्रृंगला के बात की और कश्मीर मुद्दे पर अमेरिकी की पहले की नीति के तहत समर्थन करने की बात दोहराई। उन्होंने कहा, ‘‘वह भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता का समर्थन करते हैं और इस बात की पुष्टि करते हैं इस संबंध में निर्णय केवल भारत और पाकिस्तान द्वारा ही लिया जा सकता है।’’