असम में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस और कई छात्र यूनियनों ने असम के ऐतिहासिक विरासत करेंग घर पर आरएसएस कार्यकर्ताओं द्वारा चढ़ कर आपत्तिजनक नारे लगाने पर विरोध जताया है। इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार कथित घटना 24 दिसम्बर की है जब इस 18वीं सदी की इमारत पर आरएसएस के कुछ कार्यकर्त्ता चढ़ कर हिन्दू हिन्दू भाई-भाई के नारे लगाने लगे। करेंग घर संस्कृति मंत्रालय के अधीन भारतीय पुरातत्व सर्वे की संरक्षित इमारत है।
असम विधानसभा में विपक्ष के नेता देबब्रत सैकिया ने केंद्रीय संस्कृति मंत्री महेश शर्मा को चिट्ठी लिख अपना विरोध जताया है। उन्होंने कहा “करेंग घर असम में केंद्र द्वारा संरक्षित इमारतों में से है और यहां की धर्मनिरपेक्ष पहचान का प्रतीक है। आरएसएस प्रशिक्षण सत्र के दौरान कार्यकर्ताओं द्वारा लगाए गए नारे एएसआई के संरक्षित इमारतों के नियम के तहत दुष्प्रयोग है।
महेश शर्मा खुद अपने असंवेदनशील बयानों को लेकर सुर्ख़ियों में रहे है। करेंग घर गढ़गांव में अहोम राजाओं का शाही निवास रहा है। हाल ही में असमिया वोटरों को लुभाने के लिए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह अपनी रैली ने अहोम राजाओं का जिक्र किया था।
ऑल ताई अहोम स्टूडेंट्स यूनियन के अध्यक्ष लिटल बोरागोहेन ने कहा “आरएसइस ट्रेनी संरक्षित इमारत के ऊपर चढ़ गए और हिन्दू-हिन्दू भाई भाई जैसे नारे लगाए। यह असम के सामाजिक नियमों के खिलाफ है क्योंकि अहोम राजाओं की एक धर्मनिरपेक्ष समाज बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका रही है।”
आरएसएस ने घटना का बचाव करते हुए कहा कि नारे लगाने में कुछभी आपत्तिजनक नहीं है। आरएसएस के प्रवक्ता रंजीब शर्मा ने मामले पर टिपण्णी करते हुए कहा “करेंग घर में सात दिनों तक चले सफाई अभियान के तहत आरएसएस कार्यकर्त्ता अधिकारियों से इजाजत लेकर गए और उन्होंने हिन्दू हिन्दू भाई भाई और भारत माता की जय जैसे नारे लगाए। इसमें कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है।”