भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने सोमवार को टीवी कवरेज की सांप्रदायिक प्रसारण को लेकर अपनी प्रतिक्रियां व्यक्त की। उन्होंने अर्नब गोस्वामी के वकील हरीश साल्वे से यहां तक कहा कि वह समाज में सांप्रदायिक भेदभाव का कारण बनने के लिए डिज़ाइन किए गए टीवी कवरेज को ‘स्टैंड’ नहीं कर सकते। यह उन्होंने तब कहा जब महाराष्ट्र सरकार द्वारा बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील दायर करने के बाद रिपब्लिक टीवी के संस्थापक के खिलाफ पुलिस जांच की अपील की गई थी।
महाराष्ट्र सरकार का प्रतिनिधित्व करते हुए वकील एएम सिंघवी ने गोस्वामी के टीवी प्रसारण के उस टेप के बारे में बताया, जिसमें विवादास्पद एंकर ने कथित रूप से सांप्रदायिक बयान दिए थे। लाइव लॉ के अनुसार, सिंघवी ने पूछा, “उच्च न्यायालय पूरी जांच को कैसे रोक सकता है?” सिंघवी ने कहा कि अगर जांच को पुनर्जीवित किया जाता है, तो अर्नब गोस्वामी को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि, रिपब्लिक टीवी के संस्थापक को पूछताछ के लिए उपस्थित होने के लिए 48 घंटे का नोटिस दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह संदेश नहीं जाना चाहिए कि कुछ लोग कानून से ऊपर हैं।
अर्नब गोस्वामी का प्रतिनिधित्व कर रहे हरीश साल्वे ने कहा कि रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क की पूरी संपादकीय टीम के खिलाफ एक और प्राथमिकी दर्ज की गई। इसपर भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने अपनी प्रतिक्रयां वयक्त की।
लाइव लॉ के अनुसार CJI एसए बोबडे ने कहा, “एक अदालत के रूप में, हमारी महत्वपूर्ण चिंता समाज में शांति और सद्भाव है।” CJI ने कहा कि शीर्ष अदालत ने प्रेस की स्वतंत्रता के महत्व को स्वीकार किया है, इसका मतलब यह नहीं हो सकता है कि किसी मीडिया व्यक्ति से सवाल नहीं पूछा जाना चाहिए।
सीजेआई बोबडे ने गोस्वामी के वकील से कहा, “रिपोर्टिंग में जिम्मेदारी बनानी होगी। कुछ क्षेत्रों में सावधानी के साथ चलना पड़ता है। आप रिपोर्टिंग के साथ थोड़े पुराने जमाने के हो सकते हैं। स्पष्ट रूप से कहूं, तो मैं इसे बर्दाश्त नहीं कर सकता। यह हमारे सार्वजनिक प्रवचन का स्तर कभी नहीं रहा।” सीजेआई बोबडे ने कहा, “हर दिन हमारे पास इस तहर का एक या दूसरा मामला आ रहा है।”
CJI to Salve (Arnab Goswami's lawyer ) : You can be a little old-fashioned with reporting. Frankly speaking, I cannot stand it. This has never been the level of our public discourse.#RepublicTV #SupremeCourt #ArnabGoswami @republic
— Live Law (@LiveLawIndia) October 26, 2020
सीजेआई बोबडे ने साल्वे को एक हलफनामे पर यह बताने को कहा कि गोस्वामी द्वारा भविष्य के कार्यों का वादा किया गया है। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार से विभिन्न मामलों में गोस्वामी के खिलाफ दर्ज एफआईआर की एक सूची तैयार करने को कहा। इस मामले की अगली सुनवाई अब दो हफ्ते बाद होगी।
बार और बेंच के अनुसार साल्वे ने कहा, “हम समझते हैं कि फ्रीडम ऑफ स्पीच जिम्मेदारी के साथ आती है। समाज नाजुक है और जिम्मेदारी होनी चाहिए। लेकिन यह एफआईआर अंकित मूल्य पर न लें।”
Salve: We understand that the Freedom of Speech comes with responsibility.
The society is fragile and there must be responsibility.
But don't take this FIR on face value. #SupremeCourt #ArnabGoswami #FreedomOfPress
— Bar & Bench (@barandbench) October 26, 2020