चीनी मीडिया ने सुषमा स्वराज के बयान को बताया झूठा, फिर दी युद्ध की धमकी

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भारत और चीन में जारी तनाव के बीच गुरुवार(20 जुलाई) को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने लोकसभा में सरकार का रुख स्पष्ट किया था। लेकिन लगता है सुषमा स्वराज का बयान चीन को अखर गया है, उनके बयान को लेकर चीनी मीडिया ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।

फाइल फोटो- विदेश मंत्री सुषमा स्वराज

डोकलाम के मुद्दे पर चीन के सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने एक बार फिर भारत को युद्ध की धमकी दी है। इसके साथ ही चीनी मीडिया ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के बयान को भी झूठा करार दिया है जो उन्होंने गुरुवार(20 जुलाई) को संसद में दिया था। चीनी मीडिया ने कहा कि डोकलाम से चीनी सेना को हटाना भारत के लिए सपना ही रह जाएगा। इसके साथ ही चीनी मीडिया ने कहा है कि, चीन पहले ही अपनी सहनशीलता और शांति दिखा चुका है।

अगर भारत अपनी सेना नहीं हटाता है तो चीन के सामने एक ही रास्ता होगा कि वह भारत से युद्ध करे और बिना किसी कूटनीतिक रास्तों के मामला ही खत्म कर दें। साथ ही ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है, महिला विदेश मंत्री संसद में झूठ बोल रही थीं क्यों पहली बात ये है कि भारत ने चीन के इलाके में दखल दिया है और ये सच है कि भारत के इस कारनामे से अंतर्राष्ट्रीय जगत हैरान है और कोई इसका समर्थन नहीं करेगा।

दूसरा, भारत की सैन्य ताकत चीन से बहुत पीछे है और अगर युद्ध होता है तो इसमें कोई शक नहीं कि भारत ही हारेगा। अखबार ने सुषंमा के बयान पर आगे लिखा है कि, हमने नोटिस किया कि भारत की भाषा अब बदल रही है। उन्होंने कहना शुरू कर दिया है कि डोंगलांग (डोकलाम) एक ट्राई जंक्शन है और दोनों देशों की ओर से सेना हटाने को कहने लगा है, ये दिखाता है कि नई दिल्ली अब तेवर बदल रहा है।

संपादकीय लेख में भारत को सैन्य कार्रवाई की धमकी देते हुए कहा गया है कि चीन ने पहले ही काफी हद तक धैर्य और सहनशीलता का परिचय दिया है। हालांकि, अगर भारत अपनी सेनाओं को नहीं हटाता है तो चीन के पास भारत से लड़ने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचेगा।

बता दें कि इससे पहले गुरुवार(20 जुलाई) को संसद में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा था कि, भारत-चीन के बीच टकराव इसलिए शुरू हुआ क्योंकि वह अपने हिसाब से डोकलाम ट्राइजंक्शन की यथास्थिति बदलने की कोशिश कर रहा था और इससे भारत की सुरक्षा प्रभावित हो सकती थी।

साथ ही उन्होंने कहा था कि भारत चीन के साथ बातचीत को तैयार है लेकिन इससे पहले दोनों देशों को अपनी सेनाओं को पूर्व की स्थिति में वापस लेना होगा। विदेश मंत्री ने यह भी कहा था कि विभिन्न देश इस मुद्दे पर भारत के साथ हैं।

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