26 मई को मोदी सरकार के तीन साल पूरे होने पर असम में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजित किया गया। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम को अरुणाचल प्रदेश से जोड़ने वाले भारत के सबसे लंबे पुल 9.2 किमी धोला-सदिया पुल (भूपेन हजारिका पुल) का उद्घाटन किया। लेकिन इस पुल को लेकर पड़ोशी देश चीन परेशान है।
फोटो: The Tribuneचीन ने अरुणाचल प्रदेश में इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास करने के लिए भारत को सावधानी बरतने के साथ-साथ संयम रखने की सलाह दी है। साथ ही कहा है कि सीमा विवाद का बातचीत के जरिए हल करने के लिए भारत को ‘संयमित’ और नपा तुला रुख कायम रखना चाहिए।
बता दें कि चीन, अरुणाचल प्रदेश के दक्षिणी तिब्बत होने का दावा करता है। भारत के सबसे लंबे पुल के उदघाटन पर प्रतिक्रिया देने के सवाल पर चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन-भारत सीमा के पूर्वी भाग पर चीन का रुख पहले जैसा और स्पष्ट है।
मंत्रालय ने कहा कि हम आशा करते हैं कि भारत अंतिम समाधान से पहले सीमा मुद्दों पर एक संयमित और नपा तुला रुख अपनाएगा और विवाद को नियंत्रित करने के लिए, सीमा पर क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता की सुरक्षा के लिए चीन के साथ मिलकर काम करेगा। चीन ने पुल का जिक्र किए बगैर कहा कि चीन और भारत को वार्ता एवं परामर्श के जरिए क्षेत्र के विवाद का हल करना चाहिए।
बता दें कि भारत में हाल के समय में सीमावर्ती इलाकों में बुनियादी ढांचों पर काम में तेजी आई है। पीएम मोदी ने 26 मई को अपनी सरकार के तीन साल पूरे होने पर देश के सबसे लंबे नदी पुल ढोला-सादिया पुल का उद्घाटन करने के बाद उसका नामकरण राज्य के विश्वप्रसिद्ध गायक-संगीतकार भूपेन हजारिका के नाम पर करने की घोषणा की थी।
इस पुल की अहमियत ना सिर्फ यहां के लोगों के विकास से जुड़ी है, बल्कि सामरिक तौर पर भी यह अहम भागीदारी निभाएगा। इस पुल के बन जाने से सुदूर उत्तर पूर्व के लोगों को आने जाने की सुविधा मिली है, बल्कि इससे कारोबार को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही इसके चालू होने से सेना को असम के पोस्ट से अरुणाचल-चीन बॉर्डर पर पहुंचने में आसानी होगी।