बाल अधिकार आयोग ने राहुल गांधी को भेजा नोटिस, पार्टी अध्यक्ष के बचाव में उतरी कांग्रेस

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महाराष्ट्र कांग्रेस ने आज कहा कि उत्पीड़न के दो नाबालिग पीड़ितों की पहचान उजागर करने के मामले में राज्य बाल अधिकार आयोग द्वारा पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को नोटिस जारी किया जाना वंचित वर्ग से जुड़े मुख्य मुद्दे से ध्यान भटकाने की कोशिश है।

file photo- @INCIndia (कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी)

महाराष्ट्र के जलगांव जिले में एक किसान के कुएं पर नहाने को लेकर दो किशोरों की कथित रूप से पिटाई की गयी थी इतना ही नहीं उन्हें पूरे गांव में निर्वस्त्र घुमाया गया था। बता दें कि, इस कथित घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था।

वहीं, राहुल गांधी ने ट्विटर पर इस घटना का वीडियो शेयर करते हुए लिखा था कि, ‘महाराष्ट्र के इन दलित बच्चों का अपराध सिर्फ इतना था कि ये एक “सवर्ण” कुएं में नहा रहे थे। आज मानवता भी आखरी तिनकों के सहारे अपनी अस्मिता बचाने का प्रयास कर रही है। RSS/BJP की मनुवाद की नफरत की जहरीली राजनीति खिलाफ हमने अगर आवाज़ नहीं उठाई तो इतिहास हमें कभी माफ नहीं करेगा।’

कानून के मुताबिक नाबालिग पीड़ितों की पहचान जाहिर नहीं की जा सकती है। समाचार एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, पार्टी अध्यक्ष का बचाव करते हुए महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने बुधवार (20 जून) को संवाददाताओं को बताया कि राहुल गांधी के ट्वीट से पहले ही घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था और टेलीविजन चैनलों ने इससे संबंधित क्लिप का प्रसारण किया था।

उन्होंने कहा, ‘वंचितों को समाज में निशाना बनाये जाने के मुख्य मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए महाराष्ट्र राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा गांधी को नोटिस दिया गया है।’ उन्होंने बताया कि कांग्रेस इस बारे में कानूनी राय लेने के बाद आगे की कार्रवाई पर फैसला करेगी।

उन्होंने सवाल किया, ‘यह ताजा मामला जलगांव जिले में कुएं में नहाने को लेकर पिछड़े समुदाय के दो किशारों की पिटाई का है। अगर हम इसके खिलाफ आवाज उठाते हैं और तत्काल कार्रवाई की मांग करते हैं तो इसमें क्या गलत है?’

मुंबई के रहने वाले अमोल जाधव नामक व्यक्ति की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए महाराष्ट्र राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने दो नाबालिग लड़कों की पहचान ‘उजागर’ करने के लिए कल कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और ट्विटर को नोटिस भेजा था। आयोग ने उनसे 10 दिन में जवाब देने को कहा है।

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