फिल्म इंडस्ट्री से ‘मी टू’ अभियान की शुरुआत होने के बाद इसकी चपेट में मीडिया जगत भी आ गया है और इसकी लपटें मोदी सरकार के एक मंत्री को अपने लपेटे में ले रही हैं। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, अपने समय के मशहूर संपादक व वर्तमान में केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एम.जे. अकबर पर 6 वरिष्ठ महिला पत्रकारों ने पूर्व संपादक और विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर पर यौन उत्पीड़न और अनुचित व्यवहार के आरोप लगाए हैं।
इन महिलाओं ने उन पर तमाम मीडिया संस्थानों में संपादक रहते हुए यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। ‘मी टू’ अभियान के चलते कई महिलाओं की ओर से यौन उत्पीड़न के आरोप लगने के बाद अकबर मुश्किल में पड़ते नजर आ रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो अकबर को इस्तीफा भी देना पड़ सकता है। सूत्रों के मुताबिक, सरकार इस मामले में सख्त कदम उठा सकती है और वह व्यक्तिगत कारणों के हवाले से इस्तीफा दे सकते हैं।
हालांकि, मोदी सरकार अब भी इसपर खामोशी बनाए है। कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद से बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में जब इसपर सवाल किया गया तो उन्होंने इसपर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। इससे पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी मंगलवार को अकबर के विरुद्ध लगे आरोपों के बारे में पूछे जाने कोई जवाब नहीं दिया था। जब पत्रकारों ने मामले पर जवाब देने के लिए दबाव डाला और पूछा कि क्या मामले के संबंध में कोई जांच होगी, तो वह वहां से कोई जवाब दिए बिना ही चली गईं।
बीजेपी नेत्री का विवादित बयान
इस बीच अकबर पर लगे आरोपों को लेकर मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी की महिला विंग की अध्यक्ष लता केलकर ने एक विवादास्पद बयान दिया है। मध्य प्रदेश BJP महिला शाखा की अध्यक्ष का कहना है कि केंद्रीय मंत्री पर आरोप लगाने वाली महिला पत्रकार इतनी भोली और मासूम नहीं होती हैं, जिनका कोई गलत फायदा उठा सके। समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, लता केलकर ने यह बयान गुरुवार (11 अक्टूबर) को दिया।
लता केलकर ने कहा, ‘जिन लोगों ने उन पर (अकबर) आरोप लगाए हैं, वे सभी पत्रकार हैं। मैं पत्रकार बहनों को इनोसेंट (मासूम) महिला नहीं कहती, जिसका कोई भी मिसयूज (गलत इस्तेमाल) कर ले। ये जो मीटू कैंपेन शुरू हुआ है, उसका मैं स्वागत करती हूं, और मैं मानती हूं कि ऐसा साहस मिला है कि वो अपने ऊपर हुए जुल्म को कह सकती हैं, क्योंकि कहना हमारे लिए प्राथमिकता है कि महिलाएं अपनी बात कहें।”
#WATCH: I welcome this #MeToo campaign but I don't consider women journalists to be so innocent that anyone can misuse them, says Lata Kelkar, Chief of Madhya Pradesh BJP women wing on MJ Akbar. (11.10.18) pic.twitter.com/4gM5shTkg3
— ANI (@ANI) October 12, 2018
‘मी टू’ अभियान ने पकड़ा जोर
आपको बता दें कि भारत में जारी ‘मी टू’ अभियान (यौन उत्पीड़न के खिलाफ अभियान) तूल पकड़ता जा रहा है। कई अन्य महिलाएं अपने अनुभवों को सार्वजनिक तौर पर शेयर कर रही हैं। अभिनेत्री तनुश्री दत्ता द्वारा मशहूर अभिनेता नाना पाटेकर पर यौन शोषण का आरोप लगाए जाने के बाद अब अलग-अलग इंडस्ट्री की बाकी हस्तियों ने भी अपने साथ हुए यौन दुर्व्यवहार के खिलाफ आवाज उठानी शुरू कर दी है।
नाना पाटेकर के बाद जहां डायरेक्टर विकास बहल, मशहूर सिंगर कैलाश खेर, प्रसिद्ध लेखक चेतन भगत, अभिनेता रजत कपूर, मॉडल जुल्फी सैयद, फिल्मों और टीवी जगत के ‘संस्कारी बाबू’ यानी अभिनेता आलोक नाथ सहित ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ (एचटी) के ब्यूरो प्रमुख और राजनीतिक संपादक प्रशांत झा, रघु दीक्षित, कमेंटेटर सुहेल सेठ और महिला कॉमिक स्टार अदिति मित्तल, बॉलीवुड के शोमैन सुभाई घई, फिल्ममेकर साजिद खान और लेखक-निर्देशक पीयूष मिश्रा भी ‘मी टू’ की चपेट में आए हैं, जिनपर यौन उत्पीड़न, बदसलूकी, गलत तरीके से छूने जैसे आरोप लगे हैं।
फिल्म इंडस्ट्री से ‘मी टू’ अभियान की शुरुआत होने के बाद इसकी चपेट में मीडिया जगत भी आ गया है और इसकी लपटें मोदी सरकार के एक मंत्री को अपने लपेटे में ले रही हैं। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, अपने समय के मशहूर संपादक व वर्तमान में केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एम.जे. अकबर पर 6 वरिष्ठ महिला पत्रकारों ने पूर्व संपादक और विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर पर यौन उत्पीड़न और अनुचित व्यवहार के आरोप लगाए हैं।