छत्तीसगढ़ सरकार ने भारतीय पुलिस सेवा के निलंबित अधिकारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की याचिका; सरकार के खिलाफ ‘साजिश’ रचने के आरोप में IPS अधिकारी पर राजद्रोह का केस दर्ज

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छत्तीसगढ़ सरकार ने आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति के मामले में इस सप्ताह की शुरुआत में निलंबित किए गए भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी जी पी सिंह के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में दो कैविएट दाखिल की हैं। सिंह के खिलाफ राजद्रोह का मामला भी दर्ज किया गया है।

छत्तीसगढ़ सरकार

समाचार एजेंसी पीटीआई (भाषा) की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) और आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा सिंह के परिसरों पर छापेमारी के बाद छत्तीसगढ़ पुलिस ने सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया है। पुलिस के अनुसार छापे के दौरान जो दस्तावेज मिले हैं ,वे दिखाते हैं कि सिंह कथित तौर पर स्थपित सरकार और जन प्रतिनिधियों के खिलाफ साजिश रचने और वैमनस्य को बढ़ाने में शामिल थे। उनके खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया है।

राज्य सरकार ने अपने स्थायी वकील सुमीर सोढ़ी के जरिए दो कैविएट दाखिल की हैं और अधिकारी के निलंबन के जुड़े मामले और आय से अधिक संपत्ति के मामले में कोई भी आदेश देने से पूर्व उसका पक्ष सुनने का अनुरोध किया है।

सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124-ए(राजद्रोह) और 15-ए (धर्म,स्थान,जन्मस्थान,निवास और भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना) के तहत रायुपर के शहर कोतवाली पुलिस थाने में बृहस्पतिवार रात को मामला दर्ज किया गया है। सिंह ने शुक्रवार को एसीबी और ईओडब्ल्यू की आगे की कार्रवाई पर रोक लगाने का अनुरोध करने वाली एक याचिका उच्च न्यायालय में दायर की है।

सिंह ने अदालत में याचिका दायर कर उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी पर आगे की कार्रवाई पर रोक लगाने और पूरे मामले की जांच सीबीआई अथवा किसी अन्य स्वतंत्र जांच एजेंसी से कराने का अनुरोध किया है। एसीबी ने भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 1994 बैच के अधिकारी जीपी सिंह तथा उनके निकट संबंधियों के ठिकानों पर इस महीने की एक से तीन तारीख तक छापे मारे थे। एसीबी के अनुसार छापे के दौरान सिंह और उनके संबंधियों के पास लगभग 10 करोड़ रुपए की संपत्ति होने की जानकारी मिली है।

एजेंसी की कार्रवाई के बाद राज्य सरकार ने सिंह को निलंबित कर दिया। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक एसीबी ने जब सिंह के निवास और उनके निकट संबंधियों के परिसरों पर छापे मारे तब उन्हें वहां कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज मिले, जिनके आधार पर सिंह के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया है।

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