शुरुआत में नोटबंदी की जमकर तारीफ करने वाले एनडीए के सहयोगी चंद्रबाबू नायडू का सब्र अब टूटता दिख रहा है। टीडीपी प्रमुख और आंध्र प्रदेश के सीएम नायडू ने कहा कि नोटबंदी पर जैसा सोचा गया था।
वैसा नहीं हुआ और अभी भी बहुत सारी समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया है। गौरतलब है कि इससे पहले एनडीए के एक और सहयोगी दल शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी नोटबंदी की आलोचना करते हुए कहा था कि नोटबंदी का मूल उद्देश्य पूरा नहीं हो पाया है।
#Demonetisation was not our wish, there are still many problems. People are suffering: N Chandrababu Naidu,Andhra Pradesh CM pic.twitter.com/2JmpgzFJvV
— ANI (@ANI) December 21, 2016
#Demonetisation was not our wish, there are still many problems. People are suffering: N Chandrababu Naidu,Andhra Pradesh CM pic.twitter.com/2JmpgzFJvV
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भाषा की खबर के अनुसार, नोटबंदी पर केन्द्र सरकार द्वारा बनाई गई 13 सदस्यीय कमिटी के प्रमुख नायडू ने मंगलवार को कहा कि जबतक इसके सुधार के लिए कदम नहीं उठाए जाएंगे लोग ऐसे ही कतार में खड़े रहेंगे।
एटीएम में रोज कैश की किल्लत देखी जा रही है। उन्होंने कहा- नोटबंदी की वजह से हो रही परेशानियों को कम करने के बारे में मैं रोजाना दो घंटे का वक्त देता हूं। मैं रोज अपना सिर फोड़ता हूं, लेकिन हम इस समस्या का समाधान ढूंढने में असफल हैं।
नायडू ने यहां टीडीपी के सांसदों, विधायकों, विधान पार्षदों और अन्य नेताओं के एक कार्यशाला को संबोधित करते हुये कहा, ‘हमने नोटबंदी की कामना नहीं की थी लेकिन यह हुआ। नोटबंदी के 40 दिनों से अधिक बीत जाने के बाद भी ढेर सारी समस्याएं हैं लेकिन अभी भी समाधान नहीं दिख रहा।’
नायडू ने कहा, ‘यह अभी भी संवेदनशील और जटिल समस्या बनी हुयी है।’ चंद्रबाबू 500 और 1000 रुपये के नोट बंद करने के प्रबल समर्थक थे। नायडू ने इस बारे में 12 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भी लिखा था।
प्रधानमंत्री मोदी के नोटबंदी की घोषणा करने के कुछ घंटों के बाद 9 नवंबर को टीडीपी ने जोर देकर श्रेय लेते हुये दावा किया था कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में यह ‘नायडू की जीत’ है। फेसबुक और ट्विटर पर पोस्ट में पार्टी ने कहा था, ‘यह टीडीपी की नैतिक जीत है।’