‘चाचा चौधरी और मोदी’ सरकारी योजनाओं के बारे में बच्चों को देंगे ज्ञान, विपक्ष ने शिक्षा में राजनीति करने का लगाया आरोप

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सर्व शिक्षा अभियान के तहत महाराष्ट्र के स्कूलों में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की तरफ से भेजी गई नई किताब ‘चाचा चौधरी और मोदी’ को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। इसमें, चाचा चौधरी मोदी सरकार की योजनाओं की जानकारी देते नजर आ रहे हैं। जी हां, मीडिया रिपोर्ट की मानें तो केंद्र सरकार अब चाचा चौधरी से पीएम मोदी की तारीफ करवाएगी और मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनवाएगी। इन किताबों की पहली खेप महाराष्ट्र में पुणे के स्कूलों में पहुंची है।

PHOTO: DNA India

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र सरकार ने सर्व शिक्षा अभियान के तहत 59.42 लाख रुपये की किताबें खरीदने का फैसला लिया है, जिसमें ‘चाचा चौधरी और मोदी’ सीरीज भी शामिल है। ये किताबें छात्रों को सहायक सामाग्री के तौर पर दी जाएंगी ताकी वो अपने खाली टाइम में इसका पढ़ सकें। इस तरह की किताबों को सर्व शिक्षा अभियान के तहत पाठ्य पुस्तकों के अलावा बच्चों के अन्य अध्ययन के लिए प्रकाशित किया गया है। इन्हें पांचवी से दसवीं कक्षा के छात्रों को बांटा जाना है।

रिपोर्ट के मुताबिक स्कूलों को मिली नई किताब ‘चाचा चौधरी आणि मोदी’ (चाचा चौधरी और मोदी) में चाचा चौधरी, मोदी सरकार की योजनाओं की जानकारी देते नजर आ रहे हैं। इस किताब के कवर पर पीएम नरेंद्र मोदी, चाचा चौधरी और साबू की तस्वीर है। स्कूल की लाइब्रेरी में बच्चों को यह किताब मुफ्त में पढ़ने को मिलेगी। किताब में चाचा चौधरी और नरेंद्र मोदी के बीच संवाद हैं, जिनमें चाचा चौधरी मोदी सरकार की नीतियों पर अपने विचार रखते हैं। अगर कोई बच्चा इसे खरीदना चाहे तो उसे इसके लिए 35 रुपए चुकाने होंगे।

विपक्ष ने उठाया सवाल

विपक्ष ने इस किताब पर सवाल उठाते हुए शिक्षा में राजनीति करने का आरोप लगाया है। केंद्र सरकार पर हमला करते हुए एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने कहा कि राज्य सरकार बच्चों की पढ़ाई को ‘मार्केटिंग के औजार’ की तरह इस्तेमाल कर रही है। सुले ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, ‘शिक्षा एक गंभीर विषय है। मार्केटिंग के औजार की तरह इसका इस्तेमाल शर्मनाक है।’ सुले अपने साथ ‘चाचा चौधरी और नरेंद्र मोदी’ नाम की किताब की प्रतियां लाई थीं।

सुले ने कहा, ‘किताब में स्वच्छता को लेकर संदेश है, जो एक अच्छी बात है। लेकिन अगर उन्हें स्वच्छता का संदेश देने के लिए किसी हस्ती की जरूरत थी तो उन्होंने संत गाडगे महाराज को क्यों नहीं इस्तेमाल किया? क्या वर्तमान सरकार को लगता है कि श्रीमान मोदी ही सिर्फ एक ऐसे शख्स हैं जो इसके बारे में बात कर सकते हैं?’ उन्होंने कहा कि शिक्षा एक बेहद अहम और संवेदनशील मुद्दा है।

PHOTO: AAJTAK

सुले ने कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि वर्तमान सरकार इसे राजनीतिक विज्ञापनबाजी के लिए इस्तेमाल कर रही है। इतने सालों में हमने कभी ऐसा नहीं किया क्योंकि हमें लगता है कि कम से कम शिक्षा जैसे मुद्दों को इससे दूर रखना चाहिए।उन्होंने आगे कहा, “हम जब सत्ता में थे तो हमने कभी भी शिक्षा में राजनीति को मिलाने की कोशिश नहीं की, लेकिन जब से बीजेपी सत्ता में आई है उसने इस क्षेत्र को भी राजनीति का अखाड़ा बना दिया है। सरकार के फैसलों से यह बात साफ जाहिर होती है।”

सुले ने कहा, “बीजेपी सरकार ने शिक्षा की स्थिति दयनीय बना दी है। यह सरकार की जिम्मेदारी है कि राज्य के प्रत्येक बच्चे को शिक्षा मिले, इसके बावजूद भी जिला परिषद के 1300 स्कूल बंद करने का निर्णय लिया गया है। क्या सरकार बताएगी कि वाड़ा या बस्तियों में रहने वाले बच्चों की शिक्षा का क्या होगा?” उन्होंने हैरानी जताई है कि इस कॉमिक्स को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के निर्देश पर महाराष्ट्र के राज्य शिक्षा विभाग ने तैयार किया है और राज्य के सभी जिला परिषद स्कूलों में बांटा जा रहा है।

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Posted by जनता का रिपोर्टर on Tuesday, 22 May 2018

 

 

 

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