केंद्र सरकार ने शनिवार (15 जून) को पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा और वहां डॉक्टरों से मारपीट के मामले के बाद सूबे में चल रही चिकित्सकों की हड़ताल को लेकर राज्य सरकार से अलग-अलग रिपोर्ट मांगी है। केंद्र ने ममता सरकार से पूछा है कि आखिर डॉक्टरों की हड़ताल खत्म कराने और राजनीतिक हिंसा पर लगाम कसने के लिए उन्होंने अब तक क्या किया।
समाचार एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा रोकने के लिए उठाए गए कदमों पर और दोषियों को न्याय के दायरे में लाने के लिए इस तरह की घटनाओं की जांच के संबंध में राज्य सरकार से एक रिपोर्ट मांगी गई है। अधिकारी ने बताया कि पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों की चल रही हड़ताल पर भी एक अन्य विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य में पिछले चार बरसों में राजनीतिक हिंसा में लगभग 160 लोग मारे गए हैं। गृह मंत्रालय ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में लगातार हो रही हिंसा गंभीर चिंता का विषय है। बता दें कि, पिछले कुछ दिनों से राज्य में डॉक्टरों की हड़ताल से चिकित्सा सेवाएं चरमरा गई हैं।
गौरतलब है कि, पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के राजकीय एनआरएस अस्पताल में एक 75 वर्षीय मरीज की मौत के बाद उसके परिजनों द्वारा जूनियर डॉक्टर के साथ कथित तौर पर मारपीट करने के बाद मंगलवार सुबह से ही वहां विरोध प्रदर्शन भड़क उठा और नियमित सेवाओं को ठप कर दिया गया। मृतक के परिजनों ने डॉक्टर पर चिकित्सीय लापरवाही का आरोप लगाया था।
मारपीट में एक प्रशिक्षु परीबाहा मुखर्जी के सिर में गहरी चोट लगी है। उसे कोलकाता के पार्क सर्कस स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोसाइंस के आईसीयू में भर्ती कराया गया है। तभी से एनआरएस के रेजीडेंट डॉक्टर हड़ताल पर हैं।