रोटोमैक घोटाला: CBI ने विक्रम कोठारी से आज भी की पूछताछ, जानिए 3695 करोड़ के एक और महाघोटाले की पूरी कहानी

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सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में लेनदेन में 11,300 करोड़ रुपये धोखाधड़ी का मामला सामने आने के बाद देश में सनसनी मची हुई है। हीरा कारोबारी नीरव मोदी के बैंक घोटाले के बाद अब किंग ऑफ पेन के नाम से मशहूर उद्योगपति और रोटोमैक कंपनी के मालिक विक्रम कोठारी पर कई बैंकों को करोड़ों का चूना लगाने का आरोप है।रोटोमैक पेन कंपनी के प्रमुख विक्रम कोठारी द्वारा कई बैंकों को कई करोड़ रुपये का चूना लगाने के मामले की जांच कर रही सीबीआई ने कानपुर में दूसरे दिन भी उन्हीं तीन ठिकानों पर छापेमारी की, जिन पर एजेंसी ने सोमवार को छापा मारा था। सीबीआई ने कोठारी और उनकी पत्नी से मंगलवार (20 फरवरी) को भी पूछताछ की।

सीबीआई ने कहा कि यह छापेमारी कंपनी के निदेशकों के कार्यालय और आवासीय परिसरों में की गई जहां सोमवार को भी छापे मारे गए थे। जांच एजेंसी ने नई दिल्ली में रोटोमैक के निदेशकों के घर और कार्यालय को सील कर दिया है।सीबीआई के मुताबिक ब्याज सहित यह ऋण घोटाला करीब 3,695 करोड़ रुपये का है।

बता दें कि पंजाब नेशनल बैंक में हुई 11,300 करोड़ रुपये की सनसनीखेज धोखाधड़ी के मामले के सामने आने के बाद बड़े पैमाने पर बैंकिंग धोखाधड़ी का यह दूसरा मामला है। पहले ऐसी अफवाह फैली थी कि नीरव मोदी की तरह कोठारी भी कई बैंकों से लोन लेकर देश से भाग गए हैं। हालांकि बाद में विक्रम कोठारी ने मीडिया के सामने आकर अपने बारे में उड़ रही अटकलों का खंडन किया।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, रोटोमैक ब्रांड नाम से कलम बनाने वाली कंपनी के मालिक विक्रम कोठारी ने कथित रूप से सात बैंकों के साथ 3,695 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है। सोमवार (19 फरवरी) को सीबीआई विक्रम कोठारी के खिलाफ केस दर्ज किया। कोठारी, उनकी पत्नी और बेटे पर बैंक ऑफ बड़ौदा समेत सात बैंकों को 3,695 करोड़ की चपत लगाने का आरोप है। एजेंसियों ने कोठारी, उनकी पत्नी साधना कोठारी, बेटे राहुल कोठारी और कई बैंक अधिकारियों से पूछताछ की है। कई और बैंक अफसरों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। सीबीआई के अलावा ईडी ने भी मामले दर्ज किए हैं।

सीबीआई के अनुसार इस मामले में बैंक आफ बड़ौदा (456.53 करोड़ रुपये), बैंक आफ इंडिया (754.77 करोड़ रुपये), बैंक आफ महाराष्ट्र (49.82 करोड़ रुपये), इलाहबाद बैंक (330.68 करोड़ रुपये), ओरिएंटल बैंक आफ कामर्स (97.47 करोड़ रुपये), इंडियन ओवरसीज बैंक (771.07 करोड़ रुपये) तथा यूनियन बैंक आफ इंडिया (458.95 करोड़ रुपये) ने कर्ज दे रखे हैं। आरोप है कि रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक विक्रम कोठारी सहित अन्य आरोपियों ने सातों बैंकों से प्राप्त 2,919 करोड़ रुपये के लोन की हेराफेरी की है।

वहीं इन राशि पर पर ब्याज समेत कुल बकाया राशि 3,695 करोड़ रुपये है। आरोप है कि कंपनी ने बैंकों का ना तो ऋण वापस किया और ना ही उस पर लगे ब्याज का भुगतान किया। रोटोमैक कंपनी के प्रमोटार विक्रम कोठारी ने 2008 से 2013 के बीच पब्लिक सेक्टर के बैंकों की मदद ली। सीबीआई ने बैंक आफ बड़ौदा से कानपुर की रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लि., उसके निदेशक विक्रम कोठारी, उनकी पत्नी साधना कोठारी और उनके बेटे राहुल कोठारी तथा अज्ञात बैंक अधिकारियों के खिलाफ मिली शिकायत के बाद मामला दर्ज किया।

इन लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी और फर्जीवाड़ा को लेकर भारतीय दंड संहिता तथा भ्रष्टाचार निरोधक कानून की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। वहीं वित्त मंत्रालय के अधीन आने वाले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी कंपनी के प्रवर्तकों के खिलाफ मनी लांड्रिंग निरोधक कानून (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज किया है। ईडी इस बात की जांच करेगा कि क्या धोखाधड़ी से प्राप्त राशि का उपयोग अवैध संपत्ति और कालाधन सृजन में किया गया।

 

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