देश की राजधानी दिल्ली में शनिवार(22 अप्रैल) को भैंस लेकर जा रहे लोगों के साथ मारपीट का मामला सामने आया है। दक्षिण दिल्ली के संभ्रांत इलाके में तीन लोगों को पशु अधिकार संगठन के कथित कार्यकर्ताओं द्वारा बेरहमी से पीटा गया है। पुलिस ने दोनों ही पक्षों की ओर से मामला दर्ज कर लिया है। हालांकि, इस पूरे मामले में दिल्ली पुलिस ने गोरक्षक दल की भूमिका होने से इंकार किया है।
फिलहाल पुलिस उन लोगों ने पूछताछ कर रही है जो कथित तौर पर उन भैंसों को गुड़गांव से गाजीपुर मंडी लेकर जा रहे थे। पुलिस अधिकारी ने बताया कि सभी भैंस बुरी हालत में थीं। पिटाई में जख्मी लोगों को ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एम्स) में इलाज चल रहा है। तीनों युवकों के नाम रिजवान, आशु और कामिल हैं।
पुलिस अधिकारी रामिल बनिया ने माना कि पीड़ितों को हल्की चोटें आई हैं और उन्हें एम्स में भर्ती करवाया गया है। वहीं, उन्होंने यह भी कहा कि हमला करने वालों के खिलाफ कोई शिकायत अभी तक दर्ज नहीं की गई है। इस मामले में जिस पशु अधिकार संगठन का नाम सामने आया है उसका नाम है- ‘पीपल फॉर एनिमल्स(PFA)’।
Not Gau Raksha Dal, they were members of an NGO called PFA which has been working for many years in Delhi: R Baaniya,DCP South East #Delhi pic.twitter.com/Zvs59aGjNN
— ANI (@ANI) April 23, 2017
पुलिस ने कहा NGO पीपल फॉर एनिमल्स दिल्ली में काफी समय से पशुओं के खिलाफ होने वाले अत्याचार पर काम कर रहा है। ये लोग गोरक्षक नहीं हैं। बता दें कि यह संस्था केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी द्वारा चलाया जाता है। हालांकि, PFA की चेयरमैन मेनका गांधी के कार्यालय की ओर से कहा गया है कि हमलावरों का उनकी संस्था से कोई लेना देना नहीं है।
वहीं, कार्यकर्ताओं ने किसी के साथ मारपीट की घटना से इंकार किया है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि उन्होंने भैंस ले जा रहे लोगों पर हमला नहीं किया। पीएफए के गौरव गुप्ता ने दावा किया कि ‘हमें भैंसों के अमानवीय तरीके से ले जाए जाने के बारे में सूचना मिली थी। जिसके बाद हमने ट्रक का पीछा किया। उसके बाद हममने पुलिस कंट्रोल रूम में शिकायत की।