पूर्व केंद्रीय दूरसंचार मंत्री सुखराम के बेटे अनिल शर्मा को पार्टी में शामिल करने को लेकर कांग्रेस के निशाने पर आई भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा है कि सुखराम के खिलाफ मामले बहुत पुराने हैं।
न्यूज एजेंसी भाषा के मुताबिक त्रिवेदी ने कल कहा कि, ‘‘जो बीत गई, वह बात गई। कानून अपना काम करेगा।’’ बता दें कि वीरभद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे अनिल शर्मा 15 अक्तूबर को बीजेपी में शामिल हो गए थे और वह इस समय मंडी सदर विधानसभा क्षेत्र से पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार हैं।
मंडी सीट का वर्ष 1962 से नवंबर 1984 तक सुखराम ने प्रतिनिधित्व किया था। उनके लोकसभा में चुने जाने के बाद 1985 में डी डी ठाकुर ने यह सीट जीती। बीजेपी ने 1990 में इस सीट पर अपना कब्जा किया था।
वर्ष 1993 के विधानसभा चुनाव में अनिल शर्मा ने मंडी से जीत हासिल की, लेकिन सुखराम का नाम दूरसंचार घोटाले में सामने आने के बाद उन्हें कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया था और उन्होंने हिमाचल विकास कांग्रेस का गठन किया जिसने चुनाव के बाद बीजेपी के साथ गठबंधन किया और सरकार में शामिल हुई।
त्रिवेदी ने कल दावा किया कि हिमाचल प्रदेश के लोग नजरिए, प्रणाली और विचारधाराओं में बदलाव के लिए मतदान करेंगे और राज्य में निर्भीक एवं भ्रष्टाचार मुक्त सरकार का चयन करेंगे। उन्होंने कहा कि, ‘‘भ्रष्टाचार कांग्रेस का चरित्र है और यह पार्टी जब भी सत्ता में आती है, तब कांग्रेस के सदस्यों में भ्रष्टाचार करने की होड़ लग जाती है।’’
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने मंगलवार (31 अक्टूबर) को घोषणा की कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे। गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में विधानसभा की 68 सीटों के लिए नौ नवम्बर को चुनाव होने हैं, जबकि 18 दिसंबर को वोटों की गिनती की जाएगी।