उत्तर प्रदेश पुलिस ने बिजनौर जिले में एक कथित तौर पर एक जमीन हड़पने के मामले में एक पत्रकार और दो अन्य लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की 15 धाराएं और आईटी अधिनियम की तीन धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। यह केस विश्व हिंदू परिषद के नेता और राम मंदिर ट्रस्ट के सचिव चंपत राय के भाई की शिकायत पर यह मामला दर्ज किया गया था, जो अयोध्या में कथित विवादास्पद भूमि सौदों पर सवालों का सामना कर रहे हैं।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, बिजनौर के पुलिस प्रमुख ने चंपत राय और उनके भाइयों को जमीन के आरोपों की प्रथम दृष्टया जांच के आधार पर ‘क्लीन चिट’ दे दी है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मामले की जांच जारी है।
चंपत राय के भाई संजय बंसल की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई एफआईआर में पत्रकार विनीत नारायण और दो अन्य अल्का लाहोटी और रजनीश का नाम लिखा गया है। इन तीनों पर राय के खिलाफ झूठे आरोप लगाने की साजिश रचने और “देश भर के करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने” का आरोप है।
तीन दिन पहले एक फेसबुक पोस्ट में विनीत नारायण ने एक फेसबुक पोस्ट में चंपत राय पर बिजनौर जिले में उनके गृहनगर में अपने भाइयों द्वारा जमीन हड़पने में मदद करने का आरोप लगाया था। पोस्ट में नारायण ने राय पर आरोप लगाया था कि एनआरआई अलका लाहोटी के स्वामित्व वाले एक गौशाला में अपने भाइयों की 20,000 वर्ग मीटर भूमि हड़पने में मदद की थी। साथ ही बताया गया है कि लाहोटी साल 2018 से उस जमीन से कब्जा करने वालों को हटाने की कोशिश कर रही हैं और मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ को कार्रवाई के लिए अपील कर चुकी हैं।
संजय बंसल ने अपनी शिकायत में कहा कि उन्होंने नारायण का फोन नंबर ढूंढ़ा और फिर ‘मामले के तथ्य’ जानने के लिए उन्हें कॉल किया। उन्होंने बताया, ‘एक युवक ने फोन उठाया, जो खुद को रजनीश बता रहा था। उसने मेरे साथ बदतमीजी की और मुझे मारने की धमकी दी।’ एफआईआर दर्ज होने के बाद बिजनौर पुलिस प्रमुख ने टि्वटर पर वीडियो पोस्ट किया है, जिसमें वह बंसल की शिकायत का समर्थन करते हुए दिख रहे हैं। हालांकि, उन्होंने साथ ही कहा कि पुलिस टीम मामले की जांच कर रही है।
बिजनौर पुलिस प्रमुख डॉ. धर्मवीर सिंह ने बयान में कहा, ‘स्थानीय पुलिस मामले की जांच कर रही है। चंपत राय विश्व हिंदू परिषद के वरिष्ठ नेता हैं और राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य हैं। उनके खिलाफ लगाए गए आरोप आधारहीन हैं और प्रथम दृष्टया जांच में उनके रिश्तेदारों के खिलाफ लगाए गए आरोप भी आधारहीन हैं। हम सभी तथ्यों का पता लगा रहे हैं।’