पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस साकिब निसार का एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वायरल हो रहें इस वीडियो में वह 2008 में एक कथित तौर पुलिस मुठभेड़ में मारे गए शख्स की दुखी मां के साथ बात करते हुए दिख रहें है।
पाकिस्तानी समाचार पत्र ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की रिपोर्ट के अनुसार, प्रधान न्यायाधीश (चीफ जस्टिस) मियां साकिब निसार और न्यायमूर्ति एजाजुल हसन लाहौर के जिन्ना अस्पताल के लिए जा रहे थे तभी पीड़ित परिवार के सदस्यों ने उनके काफिले को घेर लिया था और कथित तौर पर की गई हत्या के खिलाफ विरोध कर रहें थे। विरोध को देखते हुए न्यायमूर्ति साकिब निसार ने अपने काफिले को रोका और अपनी गाड़ी से बाहर निकल गए ताकि हंगामा के पीछे के कारणों की जांच हो सके।
उनके गाड़ी से बाहर निकलते ही 2008 में कथित तौर पर फर्जी मुठभेड़ में अपने बेटे जुल्फिकार को खो चुकी मां सुगरण बीवी ने चीफ जस्टिस साकिब निसार से कहा कि, “मैं सुबह से आपसे मिलने के लिए अदालत के बाहर खड़ा हूं, केवल आप ही मुझे न्याय दिला सकते हैं।”
उनकी शिकायत सुनने के बाद न्यायमूर्ति निसार ने तुरंत अदालत के कर्मचारियों को इस मामले में सुनवाई करने का निर्देश दिया। ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की रिपोर्ट के अनुसार, उसके बेटे की मृत्यु के तुरंत बाद सुगरण बीवी ने अपने बेटे को मौत की सजा देने के लिए 21 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
बता दें कि, पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस साकिब निसार का यह वीडियो भारतीय न्यायपालिका के लिए एक सबक है। जिनकी भूमिका इसी तरह की परिस्थितियों में सहानुभूति की कमी के लिए अत्यधिक जांच में आई है। बता दें कि, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में स्थित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र नजीब अक्टूबर 2016 से गायब है। उनकी मां हर किसी के दरवाजे पर दस्तक दे रही है, लेकिन न्याय उनके परिवार से दूर भागता रहा है।
उम्मीद है कि पाकिस्तान के चीफ जस्टिस का यह वीडियो सीजेआई दीपक मिश्रा को प्रेरित करेगा ताकि कम से कम एक परिवार को राहत मिल सके। नजीब को ढूंढने में गंभीरता का कोई संकेत नहीं दिखा रहे सरकारी एजेंसियों की स्थिति में उनकी मां की आखिरी उम्मीद न्यायपालिका से ही है।
देखिए वीडियो :
Salute! Chief Justice of Pakistan Mian Saqib Nasir stops his convoy to hear the grievances of a mother whose son was killed in alleged fake police encounter. Can Chief Justice of India Dipak Misra ever show such empathy to the mother of missing JNU student Najeeb
Posted by Rifat Jawaid on Saturday, March 24, 2018