पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के एनआरएस मेडिकल कॉलेज में दो जूनियर डॉक्टरों पर हमले के विरोध की आंच अब धीरे-धीरे पूरे देश में पहुंच गई है। देश की राजधानी दिल्ली, मुंबई और हैदराबाद समेत कई शहरों के डॉक्टर्स कोलकाता के डॉक्टरों के समर्थन में आ गए हैं। डॉक्टरों की हड़ताल से मरीजों की परेशानी बढ़ गई है, मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है।
file photoइसी बीच, डॉक्टरों की हड़ताल को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट ने ममता बनर्जी सरकार से जवाब मांगा है। समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, शुक्रवार को हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल से सात दिन के भीतर इस पर जवाब देने को कहा है। हाईकोर्ट ने राज्य से पूछा कि गतिरोध को समाप्त करने के लिए सरकार की ओर से इस मामले में क्या कदम उठाए हैं।
अदालत ने यह भी कहा कि राज्य सरकार को डॉक्टरों से बात करके समस्या का हल निकालें और हालात को सामान्य करने के लिए कदम उठाए। हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार की ओर से उठाए गए कदम और डॉक्टरों से मारपीट के मामले में कार्रवाई को लेकर भी सवाल किए।
Calcutta High Court gives 7 days to West Bengal govt to respond while hearing a PIL on doctors' strike in the state. Court asked state what steps were taken by the govt to end the impasse. Court also said that state will have to put an end to this & find a solution. pic.twitter.com/KIGgl00g64
— ANI (@ANI) June 14, 2019
बता दें कि, पश्चिम बंगाल में हड़ताली डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की बात नहीं सुनी है। गुरुवार को ममता बनर्जी ने रेजीडेंट डॉक्टरर्स को 4 घंटे के अंदर काम पर लौटने का आदेश दिया था। उन्होंने कहा था कि अगर डॉक्टर काम पर नहीं लौटे तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, लेकिन ममता के अल्टीमेटम के बावजूद डॉक्टर्स काम पर नहीं लौटे।