क्रिकेट जगत को सचिन तेंदुलकर जैसा महान खिलाड़ी देने वाले मशहूर कोच रमाकांत आचरेकर का बुधवार (2 जनवरी) को निधन हो गया। वह 87 वर्ष के थे। पिछले कुछ दिनों से वह बढती उम्र से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे थे। आचरेकर ने अपने कैरियर में सिर्फ एक प्रथम श्रेणी मैच खेला लेकिन उन्हें सर डॉन ब्रेडमैन के बाद दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेटर तेंदुलकर को तलाशने और तराशने का श्रेय जाता है।

आचरेकर का अंतिम संस्कार बृहस्पतिवार को मुंबई के शिवाजी पार्क में हुआ। हालांकि, उन्हें राजकीय सम्मान के साथ विदाई नहीं मिली, जिसे लेकर विवाद शुरू हो गया है। आचरेकर का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ नहीं किए जाने पर नाराजगी जताते हुए केंद्र और राज्य में बीजेपी सरकार में सहयोगी शिवसेना सांसद संजय राउत ने शुक्रवार को मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर से भविष्य में सरकारी कार्यक्रमों का बहिष्कार करने को कहा।
संजय राउत ने ट्वीट किया, ‘‘पद्मश्री एवं द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित रमाकांत आचरेकर का अंतिम संस्कार महाराष्ट्र सरकार ने राजकीय सम्मान एवं आदर के साथ क्यों नहीं किया? सरकार ने रमाकांत आचरेकर के प्रति असम्मान दिखाया है। सचिन तेंदुलकर को अब से सरकारी कार्यक्रमों का बहिष्कार करना चाहिए।’’
Why wasn't Padmashree and Dronacharya awardee Ramakant Acharekar given state funeral and respect by the Maharshtra government ? . The Government has shown complete disregard towards Ramakant acharekar . Sachin Tendulkar should boycott government programs henceforth .
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) January 3, 2019
हालांकि, विवाद बढ़ता देख महाराष्ट्र सरकार में वरिष्ठ मंत्री ने बृहस्पतिवार को कहा था कि सरकारी स्तर पर ‘‘संवादहीनता’’ के चलते आचरेकर का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ नहीं हो पाया। प्रसिद्ध क्रिकेट कोच के अंतिम संस्कार के मौके पर राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले महाराष्ट्र के आवासन मंत्री प्रकाश मेहता ने कहा कि आचरेकर का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ नहीं किया जाना ‘‘दुखद एवं दुर्भाग्यपूर्ण’’ है।
पीटीआई के मुताबिक तेंदुलकर, विनोद कांबली, बलविंदर सिंह, चंद्रकांत पंडित, प्रवीण आमरे, संजय बांगर और रमेश पवार जैसे क्रिकेटरों के करियर को आकार देने में उनके उत्कृष्ट योगदान की सरहाना करते हुए शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में एक संपादकीय में कहा कि राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार नहीं किया जाना ‘‘परेशान करने वाला’’ एवं ‘‘दुखद’’ है।
बता दें कि क्रिकेट को अलविदा कह चुके तेंदुलकर के नाम बल्लेबाजी के लगभग सारे रिकॉर्ड है। उन्होंने टेस्ट में सर्वाधिक 15,921 और वनडे में सबसे ज्यादा 18,426 रन बनाए हैं। आचरेकर उनके बचपन के कोच थे और तेंदुलकर ने अपने कैरियर में उनकी भूमिका का हमेशा उल्लेख किया है। आचरेकर शिवाजी पार्क में उन्हें क्रिकेट सिखाते थे। आचरेकर को 2010 में पद्मश्री से नवाजा गया था। तेंदुलकर के अलावा वह विनोद कांबली, प्रवीण आम्रे, समीर दिघे और बलविंदर सिंह संधू के भी कोच रहे।