अतीत में साहित्यिक चोरी के आरोपी बॉलीवुड गीतकार मनोज मुंतशिर को अब अपने एक ट्वीट में भगवान राम का अपमान करने के लिए सोशल मीडिया पर आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है।

मुंतशिर ने अपने ट्वीट में लिखा, “निम्नलिखित पद मेरा नहीं है, कहीं सुना तो सोचा आपको भी सुना दूँ। बहुत हुआ, “ठुमक चलत रामचंद्र बाजत पैजनिया”। अब होना चाहिए, “धमक चलत रामभक्त फाटत पैजमिया”।”
रामायण लिखने वाले तुलसीदास द्वारा लिखी गई पंक्तियों के साथ छेड़छाड़ करने के उनके फैसले ने हिंदुओं भक्तों को नाराज कर दिया। कई लोगों ने मुंतशिर की इस अज्ञानता के लिए भी उनका मज़ाक उड़ाया कि ये पंक्तियाँ तुलसीदास द्वारा लिखी गई थीं। वहीं, कुछ यूजर्स ने उन्हें भगवान राम का मजाक उड़ाने के लिए निशाना बनाया।
एक यूजर ने पंजाब पुलिस को टैग करते हुए लिखा, “इस ट्वीट में भगवान राम का अपमान किया जा रहा है। मैं पंजाब पुलिस और पंजाब के मुख्यमंत्री से तत्काल कानूनी कार्रवाई करने का अनुरोध करता हूं।”
एक अन्य यूजर ने लिखा, “क्या यही असली मनोज है? हँसता, मुस्कराता चैहरा नक़ाब भर है? यक़ीन नहीं, मिट्टी में मिल जावां आपने लिखा है?” बता दें कि, इसी तरह कई यूजर्स मनोज मुंतशिर को उनके ट्वीट के लिए ट्रोल कर रहे हैं।
देखें कुछ ऐसे ही ट्वीट:
यह पद तुलसीदास जी का है. कैसा नकली कवि है जिसने तुलसीदास को नहीं पढ़ा. यह पद रामचंद्र जी की बाल लीला से संबंधित है और ये स्वघोषित कवि कह रहा है कि यह पद 'बहुत हुआ'. यानी राम की लीला का गुणगान करना बहुत हुआ, अब इसके जैसे फ़र्ज़ी भक्तों का गुणगान करो. बड़े ही शर्म की बात है.
— Om (@Om_PrakashOP) April 7, 2022
क्या यही असली मनोज है?हँसता,मुस्कराता चैहरा नक़ाब भर है?यक़ीन नहीं,मिट्टी में मिल जावां आपने लिखा है?
— रक्षा सिंह (@raksha24760) April 7, 2022
गधे,
रामचंद्र जी चलते थे तो उनकी पैजनिया बजती थी
और तू लिख रहा है कि रामचंद्र जी चलते थे तो उनका पजामा फट जाता है
गोबर खाता है क्या जो ऊट पटांग लिख रहा है ?
— Vinod Rathore (@vkrathoreyil) April 8, 2022
“ फाटत पैजमिया ” ? जिसका भी है वो कम से कम रामचंद्र का तो नहीं होगा ?
— Anant (@anantjais19) April 7, 2022
मुंतशिर ने बाद में उन हिंदुओं पर कटाक्ष करते हुए एक और ट्वीट पोस्ट किया, जो भगवान राम का अपमान करने के लिए उनकी आलोचना कर रहे थे।
एक यूजर को जवाब देते हुए मनोज मुंतशिर ने लिखा, “और आप क्या हैं? पथराव में शामिल वर्ग विशेष के हिमायती? आप से इज़्ज़त नहीं चाहिए मुझे, मैं बे-इज़्ज़त ही ठीक हूँ। वो लोग कहाँ हैं जो ‘ठुमक चलत रामचंद्र’ पर मुझे दो दिन से घेर रहे हैं। आइए मैदान में, दिखाइए अपनी राम भक्ति! देखता हूँ कितने सेक्युलर, हिंदूओं के लिए न्याय माँगते हैं।”
और आप क्या हैं ? पथराव में शामिल वर्ग विशेष के हिमायती? आप से इज़्ज़त नहीं चाहिए मुझे, मैं बे-इज़्ज़त ही ठीक हूँ। वो लोग कहाँ हैं जो ‘ठुमक चलत रामचंद्र’ पर मुझे दो दिन से घेर रहे हैं. आइए मैदान में, दिखाइए अपनी राम भक्ति! देखता हूँ कितने सेक्युलर, हिंदूओं के लिए न्याय माँगते हैं https://t.co/TuqwXOTR2Y
— Manoj Muntashir (@manojmuntashir) April 9, 2022
गौरतलब है कि, पिछले साल सितंबर में मुंतशिर का 2007 में रॉबर्ट जे लावेरी द्वारा लिखित एक कविता को कथित रूप से साहित्यिक चोरी करने और इसे अपने रूप में प्रकाशित करने के लिए उनका जमकर मज़ाक उड़ाया गया था। यूजर्स हैरान थे कि मुंतशिर ने साहित्यिक चोरी के लिए माफी मांगने से भी इनकार कर दिया था।
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