कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के दो सलाहकारों द्वारा की गई कथित विवादित टिप्पणियों के कारण पार्टी के भीतर एक नए सिरे से विवाद खड़ा हो गया है। वहीं, इस मामले को लेकर अब भाजपा ने भी विपक्षी पार्टी पर निशाना साधा और उसके नेता राहुल गांधी से मामले पर जवाब देने की मांग की। दूसरी तरफ, कांग्रेस महासचिव और पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने कहा कि इन लोगों की नियुक्तियां पार्टी ने नहीं की हैं, लेकिन अगर वो दोषी पाए गए तो उचित कार्रवाई होगी।
केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने भी ट्विटर पर सिद्धू द्वारा नवंबर 2019 में दिए बयान को पोस्ट किया जिसमें वह करतारपुर साहिब गलियारे के उद्घाटन समारोह में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की प्रशंसा करते हुए दिख रहे हैं और सवाल किया कि क्या उनके सलाहकारों को इन टिप्पणियों से प्रेरणा मिली है।
क्या कहा था सिद्धू के दोनों सलाहकारों ने?
उल्लेखनीय है कि, सिद्धू के दो सलाहकारों प्यारे लाल गर्ग और मलविंदर सिंह माली की कथित टिप्पणियों को लेकर नया विवाद खड़ा हुआ। गर्ग ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह द्वारा की गई पाकिस्तान की आलोचना पर सवाल उठाया था। दूसरी तरफ, माली ने संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द करने के मुद्दे पर बात की थी, जिसके तहत तत्कालीन राज्य जम्मू-कश्मीर को एक विशेष दर्जा मिला हुआ था।
उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि अगर कश्मीर भारत का हिस्सा था तो धारा 370 और 35ए हटाने की क्या जरूरत थी। उनकी ओर से पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बारे में भी कथित तौर पर आपत्तजिनक टिप्पणी की गई है।
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, ‘यह पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सिद्धू के सलाहाकरों की पाकिस्तान और कश्मीर पर विचार हैं। प्यारे लाल गर्ग कहते हैं, ‘पाकिस्तान की आलोचना पंजाब के हित में नहीं है।’ जबकि मालविंदर माली कहते हैं, ‘कश्मीर अलग देश है और भारत गैरकानूनी कब्जेदार है।’ राहुल गांधी के पास कोई जवाब है? शर्मनाक।’
पुरी ने कहा, ‘आश्चर्य है, अगर माननीय सिद्धू के सलाहकार जिन्होंने कश्मीर पर चौंकाने वाला बयान दिया है, नौ नंवबर 2019 को श्री करतारपुर साहिब गलियारे के उद्घाटन के मौके पर दिए ‘झप्पी-पप्पी’ बयान से प्रेरणा ली है जिसमें मिस्टर सिद्धू ने अपने मित्र प्रधानमंत्री इमरान खान के गुणों की प्रशंसा की थी।’
भाजपा के अमित मालवीय ने कहा कि यह देखकर अच्छा लगा कि सिद्धू भी स्वीकार करते हैं कि उत्तर प्रदेश, हरियाणा और उत्तराखंड की भाजपा शासित सरकारें किसानों के लिए कांग्रेस शासित पंजाब के मुकाबले बहुत अधिक काम कर रही हैं।’’
सिद्धू का यह ट्वीट भी बना चर्चा का विषय
भाजपा ने सिद्धू के उस ट्वीट को भी हाथो हाथ लिया हैं जिसमें उन्होंने भाजपा शासित हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मुकाबले पंजाब में गन्ने का राज्य द्वारा आश्वस्त मूल्य (एसएपी) ‘बहुत कम’ होने की बात कही है। सिद्धू ने कहा, ‘गन्ना किसानों के मुद्दे को तत्काल और सर्वमान्य तरीके से हल करने की जरूरत है…आश्चर्य है कि पंजाब में खेती की उच्च लागत होने के बावजूद राज्य आश्वासित मूल्य (एसएपी) हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से कम है। कृषि का अगुआ होने के नाते पंजाब में एसएपी बेहतर होनी चाहिए।’
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने भी उठाए सवाल
सिद्धू के सलाहकारों की विवादित टिप्पणियों का कांग्रेस के भीतर ही विरोध शुरू हो गया है। सिंह और कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने दोनों की उनकी टिप्पणियों के लिए निंदा की है। मनीष तिवारी ने ट्वीट किया, ‘मैं कांग्रेस महासचिव एवं पंजाब के प्रभारी हरीश रावत से आग्रह करता हूं कि इसको लेकर गंभीरता से आत्ममंथन करें कि जो जम्मू-कश्मीर को भारत का हिस्सा नहीं मानते और जिनका स्पष्ट रूप से पाकिस्तान समर्थक रुझान है, क्या उन्हें कांग्रेस की पंजाब इकाई का हिस्सा होना चाहिए?’ तिवारी ने यह दावा भी किया कि यह उन सभी लोगों का मजाक है, जिन्होंने भारत के लिए अपना खून बहाया है।
हरीश रावत बोले- दोषी पाये गए तो कार्रवाई होगी
रावत ने इन टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मेरी सिद्धू जी से बात हुई है। उनकी ओर से जानकारी दी गई है कि इनकी बातों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। फिर भी मैं अपने स्तर से इसकी जांच करूंगा और अगर ये लोग दोषी पाये जाते हैं तो उचित कार्रवाई की जाएगी… इनको दंडित किया जाएगा।’’
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट किया, ‘‘ये सलाहकार कांग्रेस द्वारा नियुक्त नहीं किये गए हैं। प्रदेश अध्यक्ष ने इन्हें अपने स्तर से नियुक्त किया है। अगर ऐसा कोई व्यक्ति निजी राय जाहिर करता है तो इससे पार्टी का क्या संबंध है? इसके बाद भी हम इसकी जांच करा रहे हैं।’’
रावत ने जोर देकर कहा, ‘‘कांग्रेस का हमेशा से यही रुख रहा है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और पाकिस्तान के साथ उसके कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को लेकर ही बातचीत हो सकती है।’’
सिद्धू ने दोनों सलाहकारों को तलब किया
खबर है कि, सिद्धू ने अपने इन दोनों सलाहकारों को तलब किया और उनकी कथित विवादित टिप्पणियों को लेकर उनसे स्पष्टीकरण मांगा। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने इन कथित टिप्पणियों को लेकर रविवार को सिद्धू से कहा कि वह अपने सलाहकारों को काबू में रखें। (इंपुट: भाषा के साथ)