बिहार के औरंगाबाद जिले में शनिवार (29 दिसंबर) देर रात माओवादियों ने बिहार विधान परिषद में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सदस्य राजन कुमार सिंह के 65 वर्षीय बुजुर्ग चाचा नगेंद्र सिंह की हत्या कर दी और एक घर तथा 10 वाहनों में आग लगा दी। इस दौरान नक्सलियों ने जमकर फायरिंग की और उसके बाद बीजेपी एमएलसी के चाचा की गोलीमार कर हत्या कर दी। हालांकि, नक्सलियों के तांडव की सूचना मिलते ही सीआरपीएफ और पुलिस घेराबंदी में जुट गई। पीछा करने के दौरान नक्सलियों और पुलिस के बीच गोलीबारी भी हुई।
(HT File Photo)अब औरंगाबाद नक्सली हमले में एक सनसनीखेज खुलासा हुआ है। नक्सलियों ने दावा किया है कि बीजेपी एमएलसी राजन सिंह को कथित तौर पर नोटबंदी के समय पुराने नोट बदलने लिए पांच करोड़ रुपए दिए थे, लेकिन पैसा नहीं लौटाए जाने पर उन्होंने उनके चाचा को गोली मार दी। नक्सलियों का कहना है कि वे काफी समय से रकम लौटाने में आनाकानी कर रहे थे, इसलिए उन्होंने उनके घर पर धावा बोल दिया।
आपको बता दें कि नक्सलियों के इस हमले में राजन सिंह के चाचा को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया गया था।पुलिस के मुताबिक, माओवादियों ने जब एमएलसी के घर का दरवाजा खटखटाया तो उनके चाचा ने ही गेट खोला था। इस दौरान दोनों के बीच काफी देर तक वहां हाथापाई हुई और बाद में नक्सलियों ने एमएलसी के चाचा को गोली मार दी।रिपोर्ट्स के मुताबिक, नक्सलियों ने एमएलसी के घर के पर आईईडी भी प्लांट किया था, लेकिन वे धमाका नहीं कर पाए।
NDTV के मुताबिक, घटना स्थल पर नक्सली एक पर्चा छोड़कर गए थे, जिसमें लिखा था कि नोटबंदी के दौरान बिहार विधान परिषद में बीजेपी के सदस्य राजन सिंह को पांच करोड़ रुपए बदलने के लिए दिए थे। सिंह ने वह रुपए अभी तक नहीं लौटाए। इसके अलावा पर्चे में लिखा था कि लेवी के रूप में अलग से 2 करोड़ रुपए की वसूली हुई थी, जो सिंह के पास ही थे, वो पैसे भी उन्होंने नहीं लौटाए।

भाकपा (माओवादी) ने पर्चे में स्पष्ट किया है कि उनकी लड़ाई बीजेपी और आरएसएस के जमीनी कार्यकर्ताओं से नहीं है लेकिन राजन, गुडों और अन्य ठेकेदारों जैसे लोगों से है। हालांकि, बीजेपी एमएलसी सिंह ने नक्सलियों के इस सनसनीखेज दावों को खारिज किया है। एमएलसी ने कहा कि नक्सली झूठ बोल रहे हैं। मैं उनसे रुपये क्यों लूंगा? एमएलसी के मुताबिक माओवादी उससे 2015 से लेवी के तौर पर 2 करोड़ रुपये मांग रहे थे।
एमएलसी सिंह ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि नक्सली मेरे खिलाफ दुष्प्रचार करने में लगे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि नक्सली हमले की आशंका को लेकर वे राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राज्य के पुलिस महानिदेशक से भी सुरक्षा की गुहार लगा लगा चुके हैं। उन्होंने कहा कि अगर वो नक्सली समर्थक होते तो उनकी पहले भी गाड़ियां जलाई गई हैं, वो नहीं होता।


















