भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) के फायर ब्रांड नेता और राज्यसभा सांसद विनय कटियार और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी(सपा) के मुखिया अखिलेश यादव की इस तस्वीर से राजनीति गलियारों में सरगर्मी तेज हो गई है। हालांकि, इतिहास गवाह है कि सपा और बीजेपी दोनों एक दूसरे के कितने विपरीत हैं, लेकिन इस तस्वीर की वजह से तमाम तरह की अटकलें शुरू हो गई हैं।
हालांकि, इतिहास इन संभावनाओं को सिरे से खारिज कर रहा है। क्योंकि समाजवादी पार्टी ने ही अयोध्या में कारसेवकों पर गोली चलवाई थी। जिसमें 16 कार सेवकों की मौत हो गई थी। इस घटना को बीजेपी आज तक भूल नहीं पाई है। हालांकि, मुलायम सिंह इस बारे में अफसोस जता चुके हैं।
लेकिन साथ में उन्होंने एक बयान में कहा था कि देश की एकता के लिए 16 नहीं, 30 जानें भी जातीं तो उन्हें कोई परवाह नहीं। मुलायम ने एक बयान में कहा था कि 1990 में अयोध्या में उन्होंने देश की एकता बनाए रखने के लिए कारसेवकों पर गोली चलाने का आदेश दिया था।उन्होंने कहा कि गोली से 16 लोगों की मौत हो गई थी, अगर इसमें और भी जान जाती तो देश की एकता के लिए यह उन्हें मंजूर था। उन्होंने आगे कहा था कि मुझे लोगों की मौत का अफसोस है, लेकिन अगर मैं गोली चलवाने का आदेश न देता तो देश से मुसलमानों का विश्वास उठ जाता।
साथ ही विनय कटियार के बारे में आपको बता दूं कि इनका नाम भी अयोध्या में बाबरी मस्जिद गिराए जाने के मामले में शामिल है। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में इस मामले में आदेश दिया है कि बीजेपी के सीनियर नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती और विनय कटियार समेत 13 अन्य नेताओं पर आपराधिक साजिश का केस चलेगा। साथ ही कोर्ट ने दो साल के भीतर दोनों मामले निपटाने का आदेश दिया है।
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