महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर भगवा सहयोगी दलों शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच चल रही जबरदस्त रस्साकशी के बीच राज्य के वित्त मंत्री और भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने शुक्रवार को कहा कि अगर राज्य में सात नवंबर तक नई सरकार नहीं बनती है तो यहां राष्ट्रपति शासन लागू हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार गठन में मुख्य बाधा शिवसेना की ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद की मांग है। बता दें कि, उनकी यह टिप्पणी तब आई है जब 21 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के आठ दिन बाद भी राज्य में सरकार गठन को लेकर कोई स्पष्ट स्थिति नहीं है। मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल आठ नवंबर को समाप्त होगा।

समाचार एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने एक टीवी चैनल से कहा कि दीपावली उत्सव के कारण भाजपा और शिवसेना के बीच बातचीत में देर हुई। एक या दो दिन में बातचीत शुरू होगी। उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र के लोगों ने केवल एक पार्टी को नहीं बल्कि महायुति (भाजपा, शिवसेना और अन्य दलों के गठबंधन) को जनादेश दिया है। हमारा गठबंधन फेविकोल या अंबुजा सीमेंट से भी मजबूत है।”
मुनगंटीवार ने भरोसा जताया कि नई सरकार का गठन जल्द ही होगा। उन्होंने कहा, “निर्धारित समय के भीतर एक नई सरकार बनानी होगी या राष्ट्रपति को हस्तक्षेप करना पड़ेगा। अगर समयसीमा के भीतर सरकार नहीं बनती है तो राष्ट्रपति शासन लागू होगा।” उन्होंने कहा कि सरकार गठन में मुख्य बाधा शिवसेना की ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद की मांग है। यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा इस मांग को मानेगी, इस पर मुनगंटीवार ने कहा, “हमने पहले ही देवेंद्र फड़णवीस को नामित कर दिया है।”
गतिरोध की बात स्वीकार करते हुए उन्होंने कहा, “हम राज्य स्तर पर गतिरोध को तोड़ने के रास्ते तलाशने के लिए साथ बैठेंगे। अगर आवश्यक हुआ तो भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व हस्तक्षेप करेगा।” उन्होंने कहा कि नई सरकार के गठन पर गतिरोध दूर करने के लिए भाजपा बढ़त हासिल करेगी। सरकार गठन पर शिवसेना नेता संजय राउत की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए मुनगंटीवार ने कहा, “भाजपा की तरह शिवसेना भी जल्द से जल्द सरकार गठन करना चाहती है। हमने गठबंधन के तौर पर चुनाव लड़ा था। यहां शिवसेना या भाजपा का मुद्दा नहीं है बल्कि महाराष्ट्र के लोगों का मुद्दा है।”