उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में नौबस्ता थाने ले जाते समय भीड़ ने एक वांटेड हिस्ट्रीशीटर को पुलिस की जीप से छुड़वा लिया। ख़बरों के मुताबिक, कानपुर पुलिस ने जैसे ही हिस्ट्रीशीटर मनोज सिंह को हिरासत में लेकर जीप में बैठा लिया तो स्थानिय भाजपा नेता और उनके समर्थकों ने हिस्ट्रीशीटर को पुलिस की गिरफ्त से छुड़ा लिया। इस दौरान पुलिस से भाजपा नेता और उसके समर्थको में धक्का-मुक्की भी हुई।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिसकर्मियों ने आरोपी मनोज सिंह को बुधवार को गिरफ्तार कर जीप में बिठा लिया था, लेकिन जैसे ही वे निकलने लगे, लोगों का एक समूह वाहन के पास पहुंचा और उसे जीप से उतार कर ले गया। वायरल हुए घटना के एक वीडियो सामने आया है। जिसमें देखा जा सकता है कि कैसे समूह ने जीप को घेर लिया और अपराधी को ले गए। मनोज सिंह (33) का लम्बा आपराधिक इतिहास है और वह जानलेवा हमले के एक मामले में वांटेड था।
#UttarPradesh : पुलिस टीम पर बीजेपी नेता और समर्थकों का हमला, हिस्ट्रीशीटर को पुलिस जीप से छुड़ाकर भगाया
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— Hindustan (@Live_Hindustan) June 2, 2021
समाचार एजेंसी IANS की रिपोर्ट के मुताबिक, कानपुर के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (एसीपी) आकाश कुल्हारी ने कहा कि सिंह नौबस्ता क्षेत्र के हमीरपुर रोड स्थित एक निजी गेस्ट हाउस में सत्तारूढ़ भाजपा के एक शहर पदाधिकारी के जन्मदिन की पार्टी में शामिल होने गया था। सूचना पर नौबस्ता पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और अपराधी को गिरफ्तार कर लिया, जिसे तुरंत पुलिस जीप में ले जाया गया। पुलिस के जाने से पहले ही आठ लोग मौके पर पहुंचे और सिंह को लेकर फरार हो गए।
एसीपी ने कहा कि सभी आठ बदमाशों की पहचान वीडियो फुटेज की मदद से की गई है, जबकि नौबस्ता पुलिस में आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। वांटेड व्यक्ति को हिरासत से भगाने वालों को गिरफ्तार करने के लिए कई पुलिस टीमों का गठन किया गया है।
अतिरिक्त डीसीपी (दक्षिण) दीपक भुकर ने इस बात की पुष्टि की कि गेस्ट हाउस में भाजपा के एक नगर पदाधिकारी के जन्मदिन की पार्टी का आयोजन किया गया था, लेकिन उन्होंने दावा किया कि न तो भाजपा नेता वहां मौजूद थे और न ही वह इस घटना में शामिल थे।
न्यूज़ 18 हिंदी की रिपोर्ट के मुताबिक, हिस्ट्रीशीटर मनोज सिंह पर हत्या, हत्या के प्रयास, लूट, बलात्कार जैसी गंभीर धाराओ में मुकदमे दर्ज हैं। हिस्ट्रीशीटर को भगाने वाले भाजपा दक्षिण जिला मंत्री नारायण भदौरिया का भी आपराधिक इतिहास है। नारायण पर धारा 307,308 जैसी गंभीर मामलों में मुकदमे दर्ज हैं।