भारतीयों के ‘अच्छे दिन’ कब आएंगे यह तो किसी को पता नहीं, लेकिन केंद्र में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के जरूर ‘अच्छे दिन’ आ गए हैं। जी हां, बीजेपी की आमदनी वित्त वर्ष 2015-16 से 2016-17 के बीच 81.18 फीसदी बढ़कर 1,034.27 करोड़ रुपये दर्ज की गई, जबकि इसी अवधि में कांग्रेस की आमदनी 14 फीसदी घटकर 225.36 करोड़ रुपये रही। समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक बीजेपी 2016-17 के दौरान आय के मामले में भारत की सबसे अमीर पार्टी बन गई है। वर्ष 2016-17 में देश की सात राष्ट्रीय पार्टियों ने कुल 1,559.17 करोड़ रुपये की आय घोषित की। इनमें बीजेपी की आय सबसे ज्यादा 1,034.27 करोड़ रुपये रही।
ये आंकड़े राजनीतिक दलों द्वारा दाखिल की गई आयकर रिटर्न से जुटाए गए हैं। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म्स (एडीआर) ने मंगलवार (10 अप्रैल) को जारी एक रिपोर्ट में कहा कि, ‘यह राशि वर्ष 2016-17 में राष्ट्रीय दलों द्वारा जुटाई गई कुल राशि का 66.34 प्रतिशत है।’ इस आय के लिहाज से कांग्रेस का दूसरा स्थान रहा है।
कांग्रेस को आलोच्य वर्ष के दौरान राष्ट्रीय दलों को प्राप्त कुल राशि में से 14.45 प्रतिशत यानी 225.36 करोड़ रुपये मिले हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि सीपीआई को इस दौरान सबसे कम 2.08 करोड़ रुपये यानी 0.13 प्रतिशत की आय हुई। एक साल के अंतराल (2015-16 से 2016-17) के दौरान बीजेपी की आय 81.18 प्रतिशत बढ़ी। इस दौरान उसकी आय 570.86 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,034.27 करोड़ रुपये हो गई।
वहीं इसी अवधि में प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस की आमदनी घटी है। कांग्रेस की आय इन दो वर्षों में 14 प्रतिशत घटकर 225.36 करोड़ रह गई है। सात राष्ट्रीय दलों- बीजेपी, कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और तृणमूल कांग्रेस की कुल घोषित आय 1,559.17 करोड़ रुपये रही, जबकि इन पार्टियों ने 1,228.26 करोड़ रुपये खर्च किए।
रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2015-16 से 2016-17 के बीच बीजेपी की आय 570.86 करोड़ रुपये से 81.18 फीसदी (463.41 करोड़ रुपये) बढ़कर 1034.27 करोड़ रुपये हो गई। वहीं कांग्रेस की आय 261.56 करोड़ रुपये से 14 फीसदी (36.20 करोड़ रुपये) घटकर 225.36 करोड़ रुपये रह गई। रिपोर्ट के अनुसार, बीजेपी ने 2016-17 में 710.057 करोड़ रुपये का खर्च बताया। इस दौरान कांग्रेस ने 321.66 करोड़ रुपये खर्च किए, जो उसकी इस दौरान की कुल आय से 96.30 करोड़ रुपये अधिक है। दोनों पार्टियों ने चंदा या दान को अपनी आय के प्रमुख तीन स्रोतों में से एक बताया।